नई दिल्ली: दोस्ती यारी के आपने यूं तो बहुत से किस्से सुने होगे, लेकिन केरल के अलाप्पुझा जिला के रवींद्रन पिल्लई और उदयकुमार की दोस्ती दूसरों के लिए एक मिसाल है। यह दोनों दोस्त न सिर्फ एक प्याली में चाय नहीं पीते बल्कि एक थान से कपड़े भी सिलवाकर पहनते हैं। रवींद्रन और उदय का ‘याराना’ कुछ ऐसा ही है। दोनों जब एक ही तरह के कपड़े पहनकर बाहर निकलते हैं तो उन्हें देखकर लोगों के चेहरे खिल जाते हैं।
40 साल पुरानी है यारी!
खबरों के मुताबिक, यह बात 1982 की है जब रवींद्रन के दोस्त तिलकन ने दोनों को मिलवाया। असल में, तिलकन उदयकुमार के बड़े भाई और स्कूल में रवींद्रन के क्लासमेट थे। रवींद्रन ने बताया, ‘हम सिर्फ एक रंग के कपड़े नहीं पहनते बल्कि हमारी शर्ट-पैंट का मटैरियल भी सेम ही होता है। दोनों ने एक से कपड़े पहनने की ये आदात 25 साल पहले शुरू की थी।’
यह भी पढ़ें-न्यूज़ एजेंसी PTI भी IT नियमों के खिलाफ पहुंची दिल्ली हाई कोर्ट, जानिए क्या है पूरा मामला
वहीं रवींद्रन ने बताया, ‘1988 में हम बिजनेस पार्टनर बन गए। हमने अपनी यूनिट्स को साथ जोड़कर PK नाम से टेलर्स की एक दुकान खोली। हालांकि, दुकान के नाम में इस्तेमाल P या K का उनके असली नाम से कोई नाता नहीं है। असल में, स्थानीय लोगों ने दोनों की जोड़ी को देखकर उन्हें पाचू और कोवलन नाम दे दिया था, जो दिवंगत पीके मंथरी के दो पॉपुलर कार्टून कैरेक्टर हैं।
दिन पर दिन पक्की होती गई दोस्ती
रवींद्रन और उदयकुमार की दोस्ती वक्त के साथ और पक्की होती गई। वहीं बात यहां तक पहुंच गई कि दोनों ने घरों की दूरी को भी मिटा दिया। पहले उदयकुमार, रवींद्रन के घर से 1 किलोमीटर दूर रहते थे। लेकिन 2003 के बाद उन्होंने रवींद्रन के घर के पास ही प्लॉट खरीदकर अपना घर बना लिया। जहां उदयकुमार अपनी पत्नी और बेटी के साथ रहते हैं और रवींद्रन अपनी पत्नी और बेटे के साथ।
फैमिली भी पहनने लगी थी एक जैसे कपड़े
पहले दोनों के परिवार भी एक से कपड़े पहनते थे। लेकिन बाद में महिलाओं के लिए एक जैसे कपड़े ढूंढना चुनौती बन गया। इसलिए अब सिर्फ रवींद्रन और उदयकुमार ही एक तरह के कपड़े पहनते हैं। पैंट कौन सी पहननी है इसका फैसला उदयकुमार लेते हैं, और शर्ट चुनने का अधिकार रवींद्रन के पास है।