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शीतला अष्टमी के दिन भक्तिभाव से व्रत-पूजन करने से दीर्घायु का मिलता है आशीर्वाद, जानें शुभ मुहूर्त

नई दिल्लीः चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन शीतला अष्टमी का व्रत एवं पूजन किया जाता है। शीतला अष्टमी को बास्योड़ा के भी नाम से जाना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार शीतला अष्टमी के दिन माता शीतला की विधि-विधान से आराधना करने से सभी रोग व्याधि से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही माता शीतला की भक्तिभाव से आराधना करने से भक्त को दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है।

शीतला अष्टमी का शुभ मुहूर्त
शीतला अष्टमी की तिथि 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट से शुरू होगी और 25 मार्च को रात 10 बजकर 04 मिनट को समाप्त हो जाएगी।

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माता शीतला को लगाया जाता है ठंडे पकवानों का भाग
शीतला अष्टमी के दिन व्रत रखने वाले माता के भोग के लिए दही, रबड़ी, कड़ी, पकौड़ी, बेसन की चक्की, पुए, पूड़ी, बाजरे की रोटी, कांजी बड़ा, मोहनथाल, गुंजिया, पेठे, सकरपारे, हलुआ, घाट, विशेष सब्जी आदि व्यंजन बनाते है। इसके बाद महिलाएं शुक्रवार तड़के गीत गाते हुए पत्थवारी पूजेंगी और शीतला माता के मंदिरों में विभिन्न ठंडे पकवानों का भोग लगाकर परिवार की सुख समृद्धि की कामना करेगी। शीतला माता के ठंडे पकवानों का भोग लगाने के बाद इस दिन सभी लोग परंपरा के अनुसार ठंडा भोजन करेंगे।

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