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भारत में कम हो रहे मलेरिया के मामले, लेकिन बरतें सावधानी

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लखनऊः आज विश्व मलेरिया दिवस है। मलेरिया की रोकथाम व लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से ये दिवस हर साल मनाया जाता है। मलेरिया मानसून में होने वाली सबसे बड़ी बीमारी है। मच्छरों के अधिकता की वजह से खासकर बच्चों और बुजुर्गों में इस बीमारी का खतरा बना रहता है। मादा एनोफ़िलीज़ मच्छर के काटने से मलेरिया का संक्रमण हो जाता है। इस मच्छर में प्लाज्मोडियम नाम का जीवाणु पाया जाता है, जिसकी वजह से मलेरिया होता है।

पूरे विश्व में मलेरिया के प्रकोप को इससे समझा जा सकता है कि 2019 में 87 देशों में मलेरिया के 22.9 करोड़ मामले दर्ज हुए थे, जबकि 4.09 लोगों की इस बीमारी से जान चली गई थी। मलेरिया आज पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है और ये संक्रमण बच्चों को आसानी से अपना शिकार बनाता है।
वहीं, आपको बता दें कि केवल भारत ही ऐसा देश है, जहां मलेरिया के मामलों में तेजी से गिरावट देखी जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया कह चुके हैं कि भारत मे 2015 की तुलना में 2020 में मलेरिया के मामलों में 84.4 फीसदी की कमी आई है। वहीं, साल 2000 में मलेरिया के 2 करोड़ केस थे, वहीं 2019 में 56 लाख केस सामने आए थे।

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बुखार व दर्द को न करें नजरअंदाज -

मलेरिया एक संक्रमणयुक्त बीमारी है। मलेरिया के लक्षण को नजरअंदाज करने से ये घातक भी हो सकता है। तेज बुखार, सिरदर्द, जी मचलाना, उल्टी, शरीर में दर्द जैसे लक्षण होने पर व्यक्ति को सतर्क हो जाना चाहिए और डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

मलेरिया की रोकथाम कैसे करें -

1 - घर में कहीं पानी जमा है तो उसे तुरंत निकाल दें।
2 - बच्चों को बचाने के लिए उन्हें पूरे बांह के कपड़े पहनाएं।
3 - शाम को बच्चों को एंटी मॉस्किटो क्रीम लगाएं।
4 - समय-समय पर घर में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें।
5 - रात में सोते समय मच्छरदानी जरूर लगाएं।

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