लखनऊः ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के साथ विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की देर रात तक चली बैठक विफल रही और बुधवार सुबह दस बजे से पूरे प्रदेश में कार्य बहिष्कार शुरू हो गया। संघर्ष समिति ने विगत तीन दिसम्बर को ऊर्जा मंत्री के साथ हुए लिखित समझौते का क्रियान्वयन न होने पर कर्मचारियों के बीच व्याप्त निराशा और आक्रोश से ऊर्जा मंत्री को अवगत कराया।
वार्ता के दौरान अपर मुख्य सचिव ऊर्जा महेश गुप्ता और ऊर्जा निगमों के चेयरमैन एम. देवराज मौजूद रहे। वहीं मंत्री ने अधिकांश मुद्दों के निस्तारण हो जाने की बात कही, लेकिन दोनों के बीच समझौता नहीं हो सका। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बुधवार को बताया कि पूरे प्रदेश में कार्य बहिष्कार का व्यापक असर है।
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16 मार्च को रात्रि 10 बजे से 72 घंटे की सांकेतिक हड़ताल होगी, जिससे उत्पन्न होने वाली किसी भी परिस्थिति का संपूर्ण उत्तरदायित्व शीर्ष ऊर्जा प्रबंधन का होगा। इससे पूर्व मंगलवार की रात को बिजली कर्मचारियों ने मशाल जुलूस निकालकर विरोध जताया था। उल्लेखनीय है कि इस हड़ताल से संविदा कर्मियों ने अपने को अलग रखा है। इसके साथ ही विद्युत अधिकारी भी इससे अलग हैं और वे अपनी ड्यूटी कर रहे हैं।
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