CONVERSION: जिले के बड़ाजी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बेलर में ईसाई धर्म अपना चुकी महिला के शव को दफनाने को लेकर हुए बवाल के बाद हुई मारपीट में आदिवासी समुदाय के 11 लोग घायल हो गए हैं। पुलिस ने 21 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। नामजद आरोपियों में मोहन कोहरामी, रामचंद्र, यवन मंडावी, गुप्ता कवासी, बीजा मंडावी, पीलू मंडावी, दिनेश कश्यप, अभिषेक मंडावी, बबलू मंडावी, रत्तू कश्यप, संतो कश्यप, गोचुन कश्यप, दीनू कश्यप, सरिता मंडावी, मंगोल मंडावी, टिंगरी कवासी, पंडो मंडावी, चैती मंडावी, सोमारी कवासी, एलिसिबा, बोड़े मंडावी समेत दर्जनों लोग शामिल हैं।
CONVERSION: इलाके में तनावपूर्ण माहौल
घटना में शामिल सात लोगों को गिरफ्तार कर आज न्यायालय में पेश किया गया है। मारपीट का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें पुलिस जवानों की मौजूदगी में मारपीट हो रही है, जवान बीच-बचाव करने का प्रयास कर रहे हैं। ग्राम बेलर में किसी अन्य हिंसक घटना को रोकने के लिए आज शनिवार को भी बड़ी संख्या में पुलिस बल उस क्षेत्र में मौजूद है। फिलहाल गांव में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, इलाके में पुलिस की अलग-अलग टीमों द्वारा गश्त की जा रही है। एहतियात के तौर पर बेलर, दाबपाल और आसपास के गांवों में फोर्स तैनात कर दी गई है। एएसपी महेश्वर नाग का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि 21 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, सात लोगों को जेल भेजा गया है, अन्य की तलाश जारी है।
हिंदुओं के श्मशान घाट में दफनाने की नहीं मिली अनुमति
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के आदिवासी बाहुल्य इलाके में एक आदिवासी हिंदू से ईसाई बने व्यक्ति की मौत के बाद उसके शव को गांव के हिंदुओं के श्मशान घाट में दफनाने की अनुमति नहीं देने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और इस पर हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट के जजों ने टिप्पणी की, जिसके बाद इन दिनों बस्तर जिले में धर्मांतरण का मुद्दा सुर्खियों में है। इसी बीच बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा के दाबपाल गांव में भी ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें बेलर गांव के पास दाबपाल निवासी ईसाई धर्म अपना चुकी महिला सुब्रो पत्नी बली उम्र 40 वर्ष की बुधवार दोपहर मौत हो गई। उसके शव को दफनाने को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया, जिसके बाद भारी संख्या में पुलिस बल तैनात करना पड़ा। इस मामले में दर्जनों लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
मारपीट की घटना में शामिल सात आरोपियों मोहन कोहरामी निवासी बुरुंगपाल पुजारी पारा थाना कोडेनार, पीलूराम मंडावी निवासी बेलर, संतू कश्यप निवासी बेलर, गुप्ताराम कवासी निवासी बेलर, दीनू कश्यप निवासी सिरिसगुड़ा, गोंछू कश्यप निवासी सिरिसगुड़ा और रतु कश्यप निवासी दाबपाल के खिलाफ धारा 170, 126, 135 भादवि के तहत मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया।
CONVERSION: पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले
उल्लेखनीय है कि दरभा थाना क्षेत्र के ग्राम छिंदबहार में रहने वाले धर्मांतरित ईसाई समुदाय के व्यक्ति की मौत हो गई थी। ग्रामीणों के विरोध के चलते शव को मक्काज के पोस्टमार्टम हाउस में सुरक्षित रखवा दिया गया है। 15 दिन बीत जाने के बाद भी शव को दफनाने को लेकर हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिलने के कारण शव अभी भी मक्काज के पोस्टमार्टम हाउस में रखा हुआ है, मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
यह भी पढ़ेंः-Kolkata News : डिजिटल धोखाधड़ी कर लूटे 66 लाख की ठगी, 3 आरोपी गिरफ्तार
ऐसा ही मामला कुछ महीने पहले देखने को मिला था, जहां मेकोज में पिता की मौत के बाद पिता उसे अपने गांव में ही दफनाना चाहता था, लेकिन गांव वालों के विरोध के कारण शव को दो दिन तक मेकोज में ही रखा गया, जिसके बाद मृतक के बेटे ने मामले को लेकर हाईकोर्ट बिलासपुर में अर्जी लगाई, जहां रातों-रात हाईकोर्ट ने मृतक के बेटे के पक्ष में फैसला देते हुए शव को उसकी ही जमीन में दफनाने की इजाजत दे दी, इस फैसले के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच शव को दफनाया गया।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)