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दूसरी लहर के मुकाबले क्यों कमजोर है तीसरी लहर, केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने बताई ये बड़ी वजह

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नई दिल्ली: देश में टीकाकरण की वजह से कोरोना की दूसरी लहर के मुकाबले तीसरी लहर में मृत्यु दर में काफी कमी देखी गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने गुरुवार को बताया कि दूसरी लहर के समय देश में सिर्फ दो प्रतिशत लोगों को टीका लगाया गया था। तब देश में कोरोना के तीन-चार लाख मामले रोजाना आ रहे थे और 3000 से अधिक मौतें दर्ज की जा रही थीं, लेकिन देश में तीसरी लहर के समय 72 फीसदी वयस्क आबादी का टीकाकरण होने की वजह से इस बार मृतकों की औसतन संख्या 380 के आसपास रही है। साफ है टीके से लोगों को सुरक्षा मिल रही है। लोग अस्पतालों में भी कम भर्ती हो रहे हैं।

राजेश भूषण ने बताया कि देश में 94 प्रतिशत वयस्क आबादी को टीके की एक खुराक और 72 फीसदी आबादी को दोनों खुराक दी जा चुकी है। दोनों डोज देने वाले 21 राज्यों का औसत राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। चार राज्यों ने तो शत प्रतिशत टीकाकरण कर दिया है।

15-18 साल के बच्चों के टीकाकरण के तहत भी अबतक 52 फीसदी बच्चों को टीके की एक खुराक दी जा चुकी है। दिल्ली में कोरोना की स्थिति का आंकलन करते हुए उन्होंने बताया कि दिल्ली में 9 जनवरी से 19 जनवरी के बीच 78,000 से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आए। इनमें से 1600 -2600 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता हुई। उन्होंने बताया कि मौजूदा 99 प्रतिशत कोरोना मरीजों में बुखार, खांसी, गले में खराश होने की शिकायत देखी जा रही है ।

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फिलहाल 11 से 18 साल के बच्चों में भी इस वायरस का असर गले -नाक तक ही देखा जा रहा है। पहले फेफड़ों तक इसका असर देखा जा रहा था। मौजूदा वायरस के कारण बीमार हुए लोग 5 से 7 दिनों में ठीक हो जा रहे हैं।

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