लखनऊः उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने लखनऊ प्रवास के दौरान गुरुवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांत कार्यालय पहुंचे। यहां पर एबीवीपी महानगर इकाई की तरफ से धामी के लिए स्वागत सामारोह आयोजित किया गया। विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं की तरफ से हुए स्वागत से धामी की यादें ताजा हो गयीं। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री धामी छात्र जीवन के दौरान एबीवीपी से जुड़े रहे हैं। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय में सक्रिय राजनीति भी की है। यही वजह है उनके स्वागत समारोह में लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता भी पहुंचे।
मुख्यमंत्री धामी ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि इसी कार्यालय में रहकर काम किया है। तमाम अभावों के साथ परिषद के कार्यकर्ता छात्रों के हित में काम करते रहे हैं। पुराने कार्यकर्ताओं का नाम लिया। युवा कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन किया। श्री धामी ने कहा कि इस संगठन में काम करने का अनोखा अनुभव रहा है। यहां का कोई भी कार्यकर्ता कभी आगे बढ़ सकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री बनने की घटना का भी जिक्र किया। धामी ने बताया कि उनके मुख्यमंत्री बनने की उन्हें खुद कोई जानकारी नहीं थी। विधायक दल की बैठक में निर्णय हुआ। जब यह घोषणा हुई कि सर्वसम्मति से पुष्कर धामी के नाम पर सहमति बनी है।
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मुख्यमंत्री ने बताया कि वह कोने में बैठे थे। वहीं खड़े हुए। इस संगठन में काम करने वालों को ऐसे ही अवसर मिलते हैं। धामी ने विद्यार्थी परिषद कार्यालय पर ही भोजन किया। इस मौके पर एबीवीपी के प्रांत संगठन मंत्री अंशुल, लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता व भाजपा के उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह, संतोष सिंह, डॉ. संजय शुक्ला, भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी, भाजयुमो क्षेत्र अध्यक्ष नितिन मित्तल, समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
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