जब भैंस-बैल काटे जा सकते हैं तो गाय क्यों नहीं ? पशुपालन मंत्री के विवादित बयान से मचा बवाल

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मैसूरः कर्नाटक के पशुपालन मंत्री टी वेंकटेश के विवादित बयान पर बवाल मचा हुआ है। पशुपालन मंत्री ने शनिवार को यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि अगर भैंस और सांड काटे जा सकते हैं तो गाय (cow) का वध क्यों नहीं किया जा सकता। मंत्री के इस बयान की कड़ी निंदा की जा रही है। दरअसल, मैसूरु में पत्रकारों से बात करते हुए पशुपालन मंत्री के. वेंकटेश ने कहा कि पशु संरक्षण अधिनियम और कर्नाटक पशु वध रोकथाम अधिनियम को वापस लेने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया जा सकता है।

मंत्री ने कहा, ऐसा फैसला लिया जाएगा जो किसानों के हित में हो। के.वेंकटेश ने कहा कि वह अपने आवास पर तीन से चार गाय पालते हैं। उन्होंने कहा कि जब एक गाय (cow) मर गई तो हमें उसका अंतिम संस्कार करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। 25 लोग शव लेने आए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। बाद में जेसीबी लाकर शव को उतारा गया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में गौशालाओं के प्रबंधन के लिए धन की कमी है।

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वहीं हिंदू संगठनों ने पशुपालन मंत्री द्वारा दिए गए विवादि बयान निंदा की है। साथ कर्नाटक में भाजपा सरकार द्वारा बनाए गए गोहत्या पर कानून वापस लेने पर परिणाम भुगतने की चेतावनी जारी की है। दरअसल पिछली भाजपा सरकार ने गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने और अपराधियों को कड़ी सजा देने का विधेयक पारित किया था।

कर्नाटक में भाजपा सरकार ने बनाया था अधिनयम

गौरतलब है कि कर्नाटक मवेशी वध रोकथाम और संरक्षण अधिनियम 2021 को तत्कालीन भाजपा सरकार ने लागू किया था। यह अधिनियम राज्य में मवेशियों के वध पर प्रतिबंध लगाता है। केवल 13 साल से अधिक उम्र के बीमार मवेशियों और भैंसों को मारने की अनुमति थी। राज्य में उस समय विपक्ष में रही कांग्रेस ने तत्कालीन भाजपा सरकार के इस कदम का विरोध किया था। अब राज्य में नवगठित कांग्रेस सरकार पिछली भाजपा सरकार द्वारा लाए गए ‘गौहत्या विरोधी’ कानून की समीक्षा कर सकती है।

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