कोलकाता: पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई ने हाल ही में नदिया जिले के तृणमूल नेता तापस साहा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अब केंद्रीय एजेंसी के एक सूत्र ने बताया है कि तापस ने नियुक्ति भ्रष्टाचार का ऐसा जाल बुना था जिसमें अभ्यर्थी न केवल शिक्षक नियुक्ति के लिए फंस गए बल्कि डब्ल्यूबीसीएस जैसे वरिष्ठ नौकरशाही पदों के लिए परीक्षा पास करने की गारंटी भी ले ली।
बताया जा रहा है कि सीबीआई को मामले में सबूत मिले हैं। जिन्हें अदालत में पेश करने की तैयारी की जा रही है। जांच में पता चला कि विधायक तापस ने अपने पीए के साथ मिलकर ये साजिश रची थी। जिसमें सभी प्रकार की सरकारी नौकरी की परीक्षा देने वालों को फंसाया गया। वहीं कई दस्तावेज पीए प्रवीर कयाल के घर से बरामद हुए हैं। इसकी कॉपी कोर्ट में जमा की जाएगी। हाल ही में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने तापस के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और पिछले हफ्ते ही उनके घर पर छापा मारा गया था। कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किेए गए है। बता दें कि पीए प्रवीर का घर हावड़ा के श्यामपुर में है।
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वहां भी तलाशी के दौरान कृषि विभाग में नियुक्ति संबंधी दस्तावेज मिले हैं। इसके अलावा एक शख्स ने सीबीआई को बयान दिया है कि 2021 से 2022 के बीच तापस ने उससे 24 लाख रुपए लिए। इसमें 14 लाख नकद और शेष 10 लाख किसी तीसरे व्यक्ति के खाते में जमा कराये गये. एक अन्य व्यक्ति ने ₹19 लाख देने का दावा किया है। उनमें से एक को डब्ल्यूबीसीएस परीक्षा पास करने का आश्वासन दिया गया जबकि दूसरे को कृषि विभाग में नौकरी का आश्वासन दिया गया। सीबीआई इन सभी से पूछताछ कर बयान दर्ज करने की तैयारी कर रही है।
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