कोलकाताः पश्चिम बंगाल में होने वाले पंचायत चुनाव (west bengal panchayat election) के लिए नामांकन प्रक्रिया के बीच मंगलवार को राज्य के विभिन्न इलाकों से हिंसा और झड़प की कई घटनाएं देखने को मिली। दक्षिण 24 परगना जिले के भांगर से सबसे ज्यादा हिंसक झड़पों की सूचना मिली, जहां तृणमूल कांग्रेस और ऑल इंडिया सेक्युलर फ्रंट (IASF) के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के बाद ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिस के आसपास का इलाका एक आभासी युद्धक्षेत्र में दब्दील हो गया।
ईंट-पत्थरबाजी और देशी बम फेंकने की घटना में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने मामले पर जिलाधिकारी और जिला पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी है। इसी तरह, उत्तर 24 परगना जिले के बारासात में ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के उम्मीदवार अब्दुल आलम को स्थानीय प्रखंड विकास कार्यालय में नामांकन दाखिल करने से रोके जाने के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
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आरोप है कि तृणमूल कार्यकर्ताओं ने आलम का नामांकन पत्र छीन लिया और उसके साथियों को अगवा कर लिया। हालांकि, स्थानीय तृणमूल नेतृत्व ने आरोपों का खंडन किया है। इसी तरह, दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग में मंगलवार दोपहर नामांकन दाखिल करने को लेकर तृणमूल और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
भाजपा नेता और कलकत्ता उच्च न्यायालय की वकील प्रियंका टिबरेवाल ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल के समर्थकों ने भाजपा उम्मीदवारों पर अकारण हमले किए, जिसके बाद उन्हें नामांकन दाखिल किए बिना ही लौटना पड़ा। इस बीच, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मतदान के दिन सात संवेदनशील जिलों में केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती का निर्देश दिया। बंगाल में पंचायत चुनाव (west bengal panchayat election) का मतदान 8 जुलाई जबकि मतगणना 11 जुलाई को होगी।
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