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हम सौभाग्यशाली हैं जो विरासत में संस्कार और साधु-संतों का संग मिलाः गडकरी

इंदौरः केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मेरी मां की नाना महाराज पर गहरी आस्था थी। मेरे घर के सामने गणेश मंदिर था और वहां उनका आना-जाना होता था। इस दौरान उनका मार्गदर्शन मुझे मिला। उन्होंने दत्त संप्रदाय के विचारों को लोगों तक पहुंचाया। हम भाग्यशाली हैं जो हमने भारत भूमि पर जन्म लिया। हमें साधु-संतों का संग और संस्कार विरासत में मिले।

केन्द्रीय मंत्री गडकरी सोमवार को इंदौर प्रवास के दौरान यहां बास्केटबॉल कांप्लेक्स में आयोजित सद्गुरु नाना महाराज तराणेकर के दो दिवसीय 125वें जन्मोत्सव के उद्घाटन सत्र में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि 18वीं सदी मुगलों, 19वीं ब्रिटिश, 20वीं अमेरिकियों और 21वीं सदी भारतीयों की होगी। सामर्थ्यवान व्यक्ति ही शांति स्थापित कर सकता है। सच्चा सामर्थ्य आर्थिक समृद्धि के साथ संस्कारों से आता है। सामर्थ्यवान व्यक्ति ही विश्व में शांति स्थापित कर सकता है।

गडकरी ने कहा कि एक बार मुझे बिट्रिश पार्लियामेंट में जाने का अवसर मिला तो उनके विदेश मंत्री ने सवाल पूछा कि आपके देश में सबसे बड़ी समस्या क्या है, तो मैंने जनसंख्या के कारण उपजी गरीबी और बेरोजगारी को बताया। यह सवाल जब मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कि हमारे देश का भविष्य किस ओर जाएगा यह हम नहीं कह सकते, क्योंकि हमारे देश के युवाओं के लिव-इन में रहने के कारण पारिवारिक व्यवस्था डगमगा गई है। आर्थिक से बड़ी समस्या मूल्यों का पतन है।

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