Saturday, December 14, 2024
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सड़क हादसे में मराठा नेता विनायक मेटे का आकस्मिक निधन, महाराष्ट्र में शोक की लहर

मुंबई : शिवसंग्राम पार्टी के अध्यक्ष विनायकराव मेटे का आकस्मिक निधन से महाराष्ट्र में शोक की लहर उमड़ पड़ी है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राकांपा प्रमुख शरद पवार, शिवसेना पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे, नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार, कैबिनेट मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, चंद्रकांत पाटील सहित तमाम दलों के नेताओं ने विनायक मेटे के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री शिंदे, उपमुख्यमंत्री फडणवीस, शरद पवार अजीत पवार सहित कई नेता शनिवार की सुबह मेटे का हालचाल जानने नवी मुंबई स्थित कामोठे एमजीएम अस्पताल पहुंचे। मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे पर भीषण सड़क दुर्घटना में 52 वर्षीय विनायक मेटे की मौत हो गई है। उनके ड्राइवर और बॉडीगार्ड गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। मेटे रविवार सुबह पुणे से मुंबई के तरफ आ रहे थे, तभी रसायनी पुलिस स्टेशन अंतर्गत भातान टनल के पास ड्राइवर का नियंत्रण छूट गया और एक ट्रक से टकरा गया। यह दुर्घटना इतना भीषण था कि गाड़ी के परखच्चे उड़ गए। मेटे के सिर में गंभीर चोट आने से मौत हो गई। वे मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व में आयोजित मराठा समुदाय से संबंधित बैठक में हिस्सा लेने मुंबई आ रहे थे। शिवसेना पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने मेटे के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि मराठा समाज के भाई-बहनों को न्याय दिलाने के लिए निरंतर संघर्ष करने वाले मेटे का आकस्मिक निधन हृदय विदारक है। ईश्वर उनके परिवार को इस दुख की घड़ी में शक्ति प्रदान करें।

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उद्धव ठाकरे ने अपने शोक संदेश में कहा कि विनायक राव को कई वर्षों तक करीब से देखने का मौका मिला। उनका संघर्ष उनके समुदाय के लिए था। साथ ही उनकी भूमिका जमीनी स्तर पर हर कार्यकर्ता को न्याय दिलाने की थी। भाजपा के साथ रहते हुए उनसे गोपीनाथराव के साथ अक्सर मुलाकात होती थी। उन्हें यकीन था कि उनका संघर्ष एक दिन मराठा समुदाय को न्याय दिलाएगा। महाराष्ट्र में जब महाविकास आघाड़ी सरकार थी, तो मेरी हमेशा मुख्यमंत्री के रूप में उनसे बातचीत होती रहती थी। उनकी तड़प और शोषितों को न्याय देने का आग्रह और भागदौड़ को देखकर मुझे उनका कार्य प्रशंसनीय लगता था। सत्र के दौरान विधानमंडल परिसर में आयोजित होने वाली विधानमंडल सलाहकार समिति की बैठकों में हमेशा उनका आग्रह विधान परिषद में मराठा आरक्षण के संबंध में विशेष चर्चा कराने पर होता था।

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