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बाढ़ से आगाह करेगा रेलवे ब्रिज पर लगा वाटर लेवल मॉनीटरिंग सिस्टम, ऐसे करता है काम

 

रायपुरः दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत स्थित महत्वपूर्ण रेलवे पुलों पर नदियों के जल स्तर को मापने के लिए मीटर गेज के स्थान पर नई तकनीक जल स्तर निगरानी प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। सेंसर से लैस इस नई डिवाइस से जलस्तर की पूरी जानकारी तुरंत मिल जा रही है। नदी में अचानक जलस्तर बढ़ने की स्थिति में इस सिस्टम से जुड़े अधिकारियों के मोबाइल पर तुरंत अलर्ट मैसेज भी आ जायेगा, जिससे समय रहते सुरक्षित रेल परिचालन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। यह तकनीक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत 12 महत्वपूर्ण रेलवे पुलों पर स्थापित की गई।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि पहले नदियों के जलस्तर का पता पारंपरिक गेज पद्धति से लगाया जाता था। इसमें तत्काल जानकारी नहीं मिल पाती थी। जलस्तर रीडिंग में गड़बड़ी की भी आशंका थी। रेलवे ट्रैक और पुलों पर जोखिम का आकलन करना कठिन होता था। कई बार बाढ़ का पानी ट्रैक पर भी आ जाता था। लेकिन, इस आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से नदियों के जल स्तर की निगरानी करना आसान हो गया है।

यह सिस्टम इसी तरह काम है करता

नदियों के जल स्तर को मापने की पारंपरिक गेज पद्धति के स्थान पर आधुनिक जल स्तर निगरानी प्रणाली स्थापित की गई है। सेंसर वाला यह सिस्टम ट्रैक मैनेजमेंट सिस्टम से जुड़ा है। इसमें एक चिप लगी हुई है। इसमें पुल से संबंधित सहायक मंडल अभियंता, कार्य निरीक्षक और रेल पथ निरीक्षक आदि के मोबाइल नंबर दर्ज हैं। सेंसर सिस्टम पुल पर पानी का स्तर बताने वाले स्केल को पढ़ता रहता है। खतरे के निशान से जलस्तर बढ़ने या घटने पर यह मशीन स्वत: ही संबंधित इंजीनियरों व अधिकारियों को एसएमएस भेज देती है।

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