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विंध्य काॅरिडोर बनने के बाद बेहद अलौकिक नजर आएगा विंध्याचल धाम

vindhya

मीरजापुरः विंध्य क्षेत्र का कायाकल्प होने में अब ज्यादा वक्त नहीं है। विंध्य काॅरिडोर निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद विंध्य क्षेत्र के विकास की संकल्पना भी हर स्तर पर हो रही है। विंध्यधाम आने वाले दर्शनार्थियों को सुलभता व सुगमता से मां विंध्यवासिनी का दर्शन कराने के साथ ही प्रदेश सरकार ने विंध्य काॅरिडोर के तहत धार्मिक पर्यटन की योजना तैयार की है। शारदीय नवरात्र तक मां विंध्यवासिनी परिक्षेत्र का दृश्य पूरी तरह बदला होगा। यह दर्शनार्थियों के लिए सरल तो होगा ही, उनके घूमने व भ्रमण के लिए भी व्यवस्था होगी। विंध्य काॅरिडोर बनने के बाद विंध्यधाम अलौकिक नजर आएगा। आप केवल एक वर्ष आगे की कल्पना करें तो मीरजापुर यानी विंध्य क्षेत्र में एक बदलाव बहुत प्रत्यक्ष दिखेगा, वह होगा विंध्य कारिडोर। परिक्रमा पथ के साथ ही मां विंध्यवासिनी का भव्य मंदिर तो होगा ही और भी बहुत से परिवर्तन तब तक हो चुके होंगे। चौड़ी सड़कें व अन्य सुविधाएं होंगी। परिक्रमा पथ का सुंदरीकरण हो चुका होगा। यह सब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सोच और इच्छाशक्ति से बदल गया होगा।

विंध्य कारिडोर योजना को 30 अक्टूबर 2020 को मंजूरी मिलने के बाद नवम्बर 2020 में काम शुरू हुआ। जो अक्टूबर 2021 तक साकार होने की सम्भावना है। 331 करोड़ की लागत से बनने वाले विंध्य काॅरिडोर के अंतर्गत विंध्याचल मंदिर, कालीखोह मंदिर, अष्टभुजा मंदिर के साथ यहां के गंगा घाटों को भी सुसज्जित किया जाएगा। यही नहीं, प्रसिद्व तालाब जैसे गेरुआ और मोतिया तालाब के साथ नागकुंड को भी काॅरिडोर में शामिल किया गया है। इन तालाबों को भी सुसज्जित और पुर्ननिर्मित किया जाएगा। काॅरिडोर बनने से भक्तों की संख्या बढ़ेगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। विंध्य काॅरिडोर से मानो विंध्य क्षेत्र को विकास के नए पंख लग गए हैं। विंध्य क्षेत्र की विरासत को संजोने के चाहत की आमजन मंशा को भांप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। अगले एक वर्ष के भीतर विंध्य क्षेत्र न सिर्फ धार्मिक केंद्र होगा बल्कि पर्यटन हब के रूप में भी विकसित होगा। यही कारण है कि पयर्टन के क्षितिज पर भी विंध्यधाम नए आयाम स्थापित करने जा रही है। काॅरिडोर निर्माण होने से बड़ी संख्या में भक्तों और देशी-विदेशी पर्यटकों का आगमन भी बढ़ेगा। काॅरिडोर योजना के तहत मंदिर परिसर, जलपान केंद्र, गेस्ट हाउस, यात्री सुविधा केंद्र, म्यूजियम, आध्यात्मिक पुस्तक केंद्र, पार्क और पर्यटक स्थल का भी निर्माण किया जाना है।

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विंध्यवासिनी मंदिर को गंगा की डोर से एकाकार करेगा काॅरिडोर 51 शक्तिपीठों में से एक विश्व प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी धाम को भव्य व अलौकिक रूप से संवारा जाएगा। वहीं विंध्य काॅरिडोर विंध्यवासिनी मंदिर को गंगा की डोर से एकाकार करेगी। परिक्रमा पथ के साथ ही मां विंध्यवासिनी व गंगा को जोड़ने के लिए मार्गों को विस्तार दिया जा रहा है तो श्रद्धालुओं की कतार के लिए भी जगह बनाई जा रही है। मंदिर से गंगा जाने वाले पक्का घाट मार्ग का भी चौड़ीकरण किया जा रहा है। यह मार्ग लगभग 35 फीट चौड़ा व दो सौ मीटर लम्बा होगा। काॅरिडोर निर्माण होने से श्रद्धालु विंध्यवासिनी मंदिर से ही गंगा दर्शन भी कर सकेंगे।