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पुलिस के डर से गांव छोड़ने को मजबूर हुए ग्रामीण, एसपी को सुनाई आपबीती

छतरपुरः लवकुशनगर थाना क्षेत्र की पठा चौकी अंतर्गत पठा गांव के ग्रामीणों पुलिस के डर के कारण गांव छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस उनके साथ गुंडे-बदमाशों की तरह व्यवहार कर रही है। इसके अलावा कुछ ग्रामीणों ने शराब के नशे में पुलिस द्वारा उनके साथ बेरहमी से मारपीट करने और पैसे छीनने के भी आरोप लगाए हैं। पीड़ित ग्रामीणों ने पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा को शिकायती आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है।

पठा निवासी नरेंद्र कुमार राजपूत, दुर्गपाल सिंह राजपूत, कृष्ण कुमार राजपूत, रामजीवन कुशवाहा, चिंताहरण राजपूत, चंद्रभान, पन्नालाल सहित दर्जनों ग्रामीणों ने एसपी ऑफिस पहुंचकर एसपी सचिन शर्मा को अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि 6 नवंबर को शाम लगभग 5 बजे दुर्गपाल राजपूत एवं बरदानी राजपूत बैठे हुए थे। इसी दौरान चौकी में पदस्थ आरक्षक शिवम सेन ने दुर्गपाल राजपूत से गुटखा खरीदा और जब उसने रूपये मांगे तो आरक्षक गाली-गलौच करने लगा। इतना ही नहीं आरक्षक ने दुर्गपाल की जेब से 5 हजार रूपये भी छीन लिए और बाद में दुर्गपाल तथा उसके पड़ोसी नरेन्द्र राजपूत को चौकी ले जाकर पीटा गया। मारपीट के बाद पीड़ितों को धमकी दी गई कि यदि वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की तो अवैध कट्टा और गांजे का केस लगा दिया जाएगा। जब दुर्गपाल के पिता चन्द्रभान राजपूत और नरेन्द्र के पिता पन्नालाल राजपूत उन्हें छुड़ाने चौकी पहुंचे तो उनके साथ भी गाली-गलौच की गई। एसपी ग्रामीणों की समस्याएं सुनकर 48 घंटे के अंदर दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्यवाही का आश्वासन दिया है।

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-पुलिसकर्मियों के संबंध में जो भी शिकायतें प्राप्त हुई हैं उनकी जांच 48 घंटे के भीतर कराई जाएगी। यदि पुलिसकर्मियों ने किसी भी तरह की गैरकानूनी कार्यवाही की है तो उनके विरुद्ध सख्त एक्शन लिया जाएगा।

सचिन शर्मा, पुलिस अधीक्षक, छतरपुर

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