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पोटो हो खेल मैदानों से ग्रामीणों को मिल रहा रोजगार, पूरे हो रहे सपने

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रांची: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के दिशा निर्देश में कोरोना के मद्देनजर प्रवासी मजदूरों को प्रत्येक गांव में रोजगार तथा आजीविका के साधन उपलब्ध कराने के लिए प्रारंभ की गई वीर शहीद पोटो हो योजना (Poto Ho scheme) का प्रतिफल अब नजर आने लगा है। योजना के तहत कुल 3329 पोटो हो खेल मैदान निर्माण का लक्ष्य तय किया गया था। लक्ष्य का पीछा करते हुए राज्य सरकार अब तक 828 खेल मैदान का निर्माण पूर्ण कर चुकी है, जबकि 2575 मैदान का निर्माण जारी है।

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सबसे अधिक पश्चिमी सिंहभूम में 191, पूर्वी सिंहभूम में 63 एवं हजारीबाग में 60 पोटो हो (Poto Ho scheme) खेल मैदान का निर्माण पूर्ण हो चुका है। सरकार ने योजना के तहत मनरेगा से करीब 280200.00 रुपये का उपबंध किया है। इस तरह मनरेगा अंतर्गत पोटो हो खेल मैदान का उद्देश्य हर पंचायत में खेल मैदान की सुविधा उपलब्ध कराना एवं ग्रामीणों के लिए रोजगार सृजन करना है। योजना से न सिर्फ स्थानीय ग्रामीणों को एक अच्छा खेल का मैदान, शौचालय एवं चेंजिंग रूम प्राप्त हुआ, बल्कि प्रवासी मज़दूरों को कोरोना के समय जब सभी जगह कार्य बंद थे, ऐसे में उन्हें अपने क्षेत्र में कार्य मिला और आय का साधन उपलब्ध हुआ।

योजना का क्रियान्वयन-

योजना का चयन ग्राम सभा की अनुशंसा के आलोक में किया जाता है तथा प्रखंड कार्यालय द्वारा योजना को स्वीकृत करते हुए योजना का क्रियान्वयन स्थानीय मनरेगा श्रमिकों द्वारा कराया जा रहा है। ग्रामीण और समुदाय के अभूतपूर्व योगदान से निर्धारित समयावधि में योजना को पूर्ण करने की ओर सरकार लगातार बढ़ रही है। योजना से रोजगार एवं खेल का मैदान प्राप्त होने पर ग्रामीणों में खुशी देखी जा सकती है।

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