नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के धुर विरोधी भी इस बात से सहमत हैं कि उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का सम्मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि देश के लिए प्रधानमंत्री की दृष्टि एक सामाजिक कार्यकर्ता और एक राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान संचित कई अनुभवों की अभिव्यक्ति है।
उपराष्ट्रपति ने आज दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘मोदी @ 20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी’ नामक पुस्तक का विमोचन किया। पुस्तक में 22 डोमेन विशेषज्ञों द्वारा रचित 21 लेखों का संकलन है। इसमें 2021 तक पिछले 20 वर्षों के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में विभिन्न क्षेत्रों में नरेन्द्र मोदी की सोच और कार्यों के विभिन्न पहलुओं को सामने लाया गया है।
नायडू ने जोर देकर कहा कि नरेन्द्र मोदी नीतियों और योजनाओं के मंद कार्यान्वयन के प्रति अधीर रहते हैं। वे निष्पादन के पैमाने और गति के लिए हमेशा उत्सुक रहते हैं। उनका मानना है कि भारत अभी भी स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष में विकास के पैमाने पर पीछे हैं और इस अंतर को पाटने की जरूरत है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री भारत निर्माण के मिशन पर हैं और विभिन्न राज्यों में सत्तारूढ़ दलों को चाहिए कि दे को आगे बढ़ाने के लिए सभी उपलब्ध विकासात्मक और लोकतांत्रिक मंचों का प्रभावी उपयोग करें। उन्होंने इस मिशन को साकार करने के लिए सभी तनाव मुक्त होकर देश में शांतिपूर्ण वातावरण सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आधुनिक भारत का सबसे लोकप्रिय और प्रतिष्ठित नेता बताते हुए वेंकैया नायडू ने अपने उदबोधन में उनकी विभिन्न विशेषताओं को सूचीबद्ध भी किया। इन विशेषताओं ने ही प्रधानमंत्री मोदी को एक अद्वितीय नेता के रूप में पहले गुजरात और अब भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि व्यापक यात्रा और सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यों के माध्यम से स्वयं, लोगों और देश की तलाश में 17 साल की छोटी उम्र में घर छोड़ने के बाद नरेन्द्र मोदी की प्रारंभिक अनुभवात्मक यात्रा रही है। उनमें भारतीयों और भारत के संघर्षों और उनकी क्षमता की गहरी समझ है। लोगों और भारत की क्षमता में अडिग विश्वास है। वह बड़ा सपना देखने का साहस और संकल्प को सिद्धि में बदलने का संकल्प रखते हैं। वह बड़ा सोचते हैं और बड़े पैमाने पर क्रियान्वयन करते हैं।
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नायडू ने कहा कि मोदी में साहसिक निर्णय लेने की क्षमता है। वह अस्थायी विफलताओं और प्रासंगिक आश्चर्यों से विचलित नहीं होते। जुनून, ऊर्जा और कड़ी मेहनत उनकी पहचान है। वह अलग तरह से सोचते और करते हैं। संकट को अवसर में बदलना जानते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए नीति निर्माण और निष्पादन से जुड़ा दृष्टिकोण है। वह मुद्दों और परिणामों के विवरण और व्यापक मूल्यांकन की खोज में रहते हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर नीतियों और कार्यक्रमों के साक्ष्य आधारित निर्माण के लिए गुजरात के प्रयोगों के अनुभवों और परिणामों को नियोजित किया है। वे प्रभावी शासन के लिए प्रौद्योगिकी को व्यापक रूप से अपनाते हैं। वह स्वयं ‘प्रदर्शन, सुधार और परिवर्तन’ के मंत्र का उत्साही प्रचार करते हैं।
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