उपराष्ट्रपति ने की कृषि सुधार कानूनों की वकालत, बोले- छोटूराम के विचारों से प्रेरणा लें युवा

गुरुग्राम: उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने रविवार को गुरुग्राम के सेक्टर-44 स्थित अपरैल हाउस में दीन बंधु सर छोटूराम के लेख और भाषणों पर आधारित पुस्तकों के पांच संस्करणों का विमोचन किया। इस मौके पर उन्होंने युवा पीढ़ी का आह्वान करते हुए कहा कि छोटूराम के बारे में उनके विचारों को जानें।

उपराष्ट्रपति ने हरियाणा की मनोहर लाल सरकार की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने सर छोटूराम के विचारों का संकलन कर सराहनीय काम किया है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के दौरान धर्म के नाम पर देश के हो रहे बंटवारा का सर छोटूराम ने विरोध किया था। उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि सर छोटूराम महान विचारक थे। उन्होंने आर्य समाज के साथ मिलकर काम किया था। उनका मानना था कि गांवों से देश की खुशहाली का रास्ता निकलता है। उन्होंने कहा कि मातृभाषा हमारा अंग है, लेकिन अभी भी हम अंग्रेजियत से बाहर नहीं निकल पाये हैं।

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इस मौके पर उन्होंने कृषि सुधार कानूनों की भी वकालत की। अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई, अटल बिहार वाजपेयी, चौधरी चरण सिंह और पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वे भी चाहते थे कि किसानों के साथ संवाद हो और फसलों को बिक्री को लेकर किसी तरह की परेशानी ना हो। इस मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के अलावा पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला व उत्तराखंड के पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के अलावा अन्य गण्यमान्य उपस्थित थे।

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