प्रदेश दिल्ली क्राइम

इंस्टाग्राम खाते को सत्यापित करने के नाम पर ठगी करने वाले गिरफ्तार

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नई दिल्लीः इंस्टाग्राम खाते को सत्यापित करने और उस पर ब्लूटिक लगवाने का झांसा देकर ठगी करने वाले दो जालसाजों को द्वारका जिला साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है। शुरूआती जांच में आरोपितों के कई इंस्टाग्राम यूजर्स से ठगी करने की बात सामने आई है। आरोपित उन इंस्टाग्राम उपयोगकर्ताओं को अपना शिकार बनाते थे जिनका खाता सत्यापित नहीं होता था। जालसाजों ने गूगल से धोखाधड़ी की तकनीक सीखकर वारदात को अंजाम दे रहे थे। पुलिस इनके कब्जे से दो मोबाइल फोन, साढ़े 14 हजार रुपये और पासबुक बरामद किया है।

द्वारका जिले के एडिशनल डीसीपी विक्रम सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों की पहचान पीतमपुरा निवासी शिवम देव(19) और रोहिणी निवासी शुभम कुमार (21) के रूप में हुई है। शुभम जालसाजी का मास्टर माइंड है। 20 मार्च को द्वारका निवासी आरती ने साइबर थाने में जालसाजी की शिकायत की। उसने बताया कि उनके बेटे आयुष्मान के पास एक मैसेज और मोबाइल नंबर आया।

जिसमें उसके इंस्टाग्राम खाते को सत्यापित करने और उस पर ब्लूटिक लगवाने की बात कही थी। उसके बेटे ने उस नंबर पर बात की। आरोपित ने उसे एक बैंक खाते में यूपीआई के माध्यम से छह हजार रुपये जमा करने के लिए कहा। आरोपित ने बताया कि उसका सोशल मीडिया खाता ब्लॉक कर दिया गया है और इसे अनब्लॉक करने के लिए 57 सौ रुपये देने होंगे। उसके बेटे ने पैसे जमा कर दिए।

आरोपितों ने आगे की कार्रवाई के लिए फिर से 27 सौ रुपये की मांग की। उसके बेटे ने पैसे जमा कर दिया। रुपये देने के बाद उसके बेटे को धोखाधड़ी का एहसास हुआ। उसने आरोपितों से पैसे वापस मांगे, लेकिन आरोपितों ने पैसे देने से मना कर दिया और उसका नंबर ब्लॉक कर दिया। साइबर सेल ने मामले की जांच शुरू की।

जांच के दौरान पुलिस ने फोन पे, यूपीआई और कोटक महिंद्रा बैंक से आरोपितों के लेनदेन का विवरण प्राप्त किया। पुलिस ने धोखाधड़ी में इस्तेमाल मोबाइल नंबरों और बैंक खाते से जुड़े मोबाइल नंबरों की तकनीकी जांच कर पीतमपुरा से शिवम देव को गिरफ्तार कर लिया। उसके निशानदेही पर पुलिस ने मास्टर माइंड शुभम कुमार को रोहिणी से गिरफ्तार कर लिया।

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पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि जल्द पैसे कमाने के लिए ठगी की वारदात को अंजाम दे रहा था। पुलिस के मुताबिक शुभम पत्राचार से स्नातक की पढ़ाई कर रहा है। दोनों आरोपित एक ही स्कूल में पढ़ते थे और कम समय में पैसा कमाना चाहते थे। इसलिए उसने गूगल से धोखाधड़ी की तकनीक सीखकर लोगों को ठगना शुरू कर दिया।

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