Vastu Tips: सनातन धर्म में वास्तु शास्त्र का बहुत ज्यादा ही महत्व है। वास्तु शास्त्र भगवान विश्वकर्मा जी का शास्त्र है, उनको सिर्फ वास्तु ही नहीं बल्कि शिल्पा कला और वास्तु शास्त्र सहित कई शास्त्रों के जनक कहा जाता है। भगवान विश्वकर्मा के अनुसार, ऐसे भवन का निर्माण कर पाना अंसभव है जो 100 प्रतिशत सकारात्मक हो। जब भी किसी भवन का निर्माण किया जाता है तो उसमे थोड़ा नकारात्मक प्रभाव आ ही जाता है।
हालांकि आपको बता दें कि थोड़ा बहुत नकारात्मक प्रभाव को आम बात कहा जाता है। लेकिन अगर घर में बड़े स्तर पर नकारात्मकता हैं तो इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इसके एक नहीं कई नुकसान आपको परिवारिक, सामाजिक और कार्यक्षेत्र में देखने को मिल सकते हैं।
Vastu Tips: पूर्व दिशा में क्या-क्या चीज होनी चाहिए
हालांकि आज हम आपको अपने इस लेख में कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसको आप अपना सकते हैं और ये कहीं न कहीं आपके लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं। हम बताने जा रहे हैं पूर्व दिशा के बारे में और जानेंगे कि पूर्व दिशा में क्या-क्या चीज होनी चाहिए।
पूर्व दिशा सूर्य देव की दिशा
पूर्व दिशा सूर्य देव की दिशा कहा जाता है, पूर्व दिशा में सूर्यदेव तथा चंद्रदेव उदय होते हैं। सूर्य देव को वैसे तो लाल रंग बहुत ज्यादा प्रिय है लेकिन वास्तु शास्त्र में पूर्व दिशा को पित्त वर्णन अर्थात पीले वर्णन वाली दिशा कहा गया है। पूर्व दिशा में लाल और पीले रंग के पर्दे शुभ माने जाते है, अगर आपके घर का मुख्य द्वार पूर्व दिशा की ओर है तो ये बेहद शुभ संकेत होता है। इससे मकान में हमेशा सुख समृद्धि बनी रहती है और ऐसे घर में रहने वाले लोग हमेशा महत्वाकांक्षी होते हैं।
मराठा आंदोलन खत्म, महाराष्ट्र सरकार ने मानी सभी मांगे, मनोज जरांगे ने तोड़ा अनशन
पूर्व दिशा में कोई भारी सामान नहीं रखना चाहिए
ऐसा इसलिए क्यों कि पूर्व दिशा से सूर्य देव की आने वाली रोशनी और ऊर्जा है, पूर्व दिशा में सूर्य एवं चंद्रमा उदय होते हैं जो प्रगति का प्रतीक है। ये हमें ये भी ज्ञान देता है कि जिसका उदय हुआ है उसका अस्त भी होता है। जीवन कभी एक सा नहीं होता है। जिस तरह से सूर्य रोज उदय होता है ठीक उसी तरह से जीवन में हार जाने या अस्त होने की निराशा न रखें।
पूर्व दिशा में कोई भी भारी सामान नहीं रखना चाहिए, जैसे कबाड़ आदि। जितना हो सके पूर्व दिशा की तरफ जगह बढ़ाना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि अगर पूर्व दिशा की तरफ स्थान कम होता है तो ये इस दिशा के देवता का अपमान करने जैसा होता है। इसके अलावा आपको बता दें कि अगर इस दिशा में शौचालय आदि बनाया है तो जीवन में कार्य क्षेत्र में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
पूर्व दिशा में जितना संभव हो सके स्थान साफ रखना चाहिए। भूमि समतल होनी चाहिए और यदि घर का कोई दरवाजा पूर्व दिशा की तरफ नहीं है तो कमरों की खिड़कियां पूर्व दिशा की तरफ अवश्य होनी चाहिए। सूर्य की रोशनी कमरों में आने से सकारात्मकता बढ़ती है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)