Wednesday, October 16, 2024
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सितंबर में 20.64 लाख करोड़ का हुआ UPI ट्रांजैक्शन, देश में लेनदेन आंकड़ा 15.04 अरब के पार

नई दिल्ली: यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (Unified Payment Interface) डिजिटल का नया हथियार बन गया है। UPI जरिए होने वाले लेनदेन का मूल्य सितंबर में सालाना आधार पर 31 प्रतिशत बढ़कर 20.64 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है। इस दौरान ट्रांजैक्शन की संख्या भी सालाना आधार पर 42 प्रतिशत बढ़कर 15.04 अरब हो गई है।

मंगलवार को नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। पिछले महीने UPI पर प्रतिदिन 50.1 करोड़ लेन-देन हुए। अगस्त में यह आंकड़ा 48.3 करोड़ पर था। इस दौरान UPI ​​पर प्रतिदिन औसतन 68,800 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ। अगस्त में यह आंकड़ा 66,475 करोड़ रुपये पर था। यह लगातार पांचवां महीना है, जब मासिक UPI लेन-देन का मूल्य 20 लाख करोड़ रुपये रहा है।

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11 प्रतिशत की हुई बढ़ोतरी

सितंबर में आधार आधारित भुगतान प्रणाली (AEPS) के जरिए करीब 10 करोड़ लेन-देन हुए और इनका मूल्य 24,143 करोड़ रुपये रहा। सितंबर में इमिडिएट पेमेंट सर्विस (IMPS) के जरिए 5.65 लाख करोड़ रुपये के लेन-देन हुए। सालाना आधार पर इसमें 11 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। पिछले महीने औसतन 1.4 करोड़ IMPS ट्रांजेक्शन प्रतिदिन हुए और इनका औसत दैनिक मूल्य 18,841 करोड़ रुपये रहा। सितंबर में फास्टैग से 31.8 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए। इसमें 7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान फास्टैग से 5,620 करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ और सालाना आधार पर इसमें 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

पहले से ज्यादा हो रहे यूपीआई (UPI transaction) लेन देन

इंडस्ट्री के जानकारों के मुताबिक सितंबर के यूपीआई (UPI) आंकड़े बताते हैं कि देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन तेजी से बढ़ रहे हैं। वर्ल्डलाइन इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, नवाचार, रणनीति और विश्लेषण प्रमुख सुनील रोंगला का कहना है कि इन आंकड़ों की सबसे अच्छी बात यह है कि जुलाई से सितंबर तक यूपीआई लेनदेन का मूल्य 20.64 लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहा, लेकिन लेनदेन की संख्या 14.44 अरब से बढ़कर 15.04 अरब हो गई, जो दर्शाता है कि लोग छोटे लेनदेन के लिए पहले की तुलना में यूपीआई का अधिक उपयोग कर रहे हैं।

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