दशरथ मांझी की राह पर बबीना की इमरती, प्यास बुझाने के लिए खोदा डाला 35 फीट गहरा कुआं

कुआं

झांसीः किसी ने क्या खूब कहा है कि “एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों कौन कहता है आसमां में सुराख हो नहीं सकता” कुछ ऐसा ही चरितार्थ किया है यूपी की इस महिला ने। जब तक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं”, बिहार के रहने वाले दशरथ मांझी ने इसी जज्बे के साथ पहाड़ को तोड़ कर रास्ता बना दिया था। ऐसा ही उदाहरण उत्तर प्रदेश के झांसी में रहने वाली इमरती ने प्रस्तुत कर दिखाया। इमरती बबीना विकासखंड के गांव में रहती हैं। उनके गांव में पिछले कई सालों से पानी की समस्या थी। इमरती और उनके गांव की अन्य महिलाओं को पीने का पानी भरने के लिए 3 से 4 किलोमीटर दूर जाना पड़ता था। इस समस्या का निस्तारण करते हुए उन्होंने अपनी साथी महिलाओं के साथ मिलकर करीब 4 माह में कुआं खोद डाला। उन्होंने बताया कि जब गांव में बाकी लोग आराम करते थे। उस समय महिलाएं पानी का इंतजाम करने के लिए खुदाई करने में लगी रहती थीं।

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अकेले ही कुआं खोदने का किया फैसला

इमरती ने बताया सरकारी अधिकारी तो कई बार आए और गए लेकिन कुछ समय पहले परमार्थ समाजसेवी संस्था के लोग उनके गांव में आए। यह संस्था जल संरक्षण का कार्य करती है। इमरती ने जब उन लोगों को अपनी समस्या के बारे में बताया तो उन्होंने गांव में एक कुआं खोदने की सलाह दी। कुआं खोदने की इस बात पर गांव वाले तैयार नहीं हुए तो इमरती ने अकेले ही कुआं खोदने का फैसला कर लिया। यह फैसला इतना आसान नहीं था।

गांव वालों ने भी नहीं दिया साथ

शुरुआत में इमरती को काफी विरोध का सामना करना पड़ा। गांव के पुरुषों और महिलाओं ने इमरती का साथ नहीं दिया। कई बार पुरुषों ने उन्हें धमकाया भी। इमरती ने अपने संघर्षों की कहानी बताते हुए कहा कि उसे पीटा गया, इमरती को उसके पति ने छोड़ने की धमकी तक दे दी। इन सब विरोधों के बावजूद भी इमरती पीछे नहीं हटी और 4 महीने में उन्होंने 30 फीट गहरा कुआं खोद डाला। उसने बताया कि खोदने से लेकर मिट्टी निकालने तक के पूरे काम महिलाएं ही करती थी। और सभी के पति उन्हें प्रताड़ित करने का कार्य कर रहे थे।

इमरती के जज्बे और बहादुरी को केंद्र सरकार ने किया सम्मानित

इमरती के इसी जज्बे और बहादुरी को सम्मानित करते हुए केंद्र सरकार ने उन्हें 51 हजार रुपये की धनराशि से सम्मानित किया था। विश्व जल दिवस के अवसर पर परमार्थ समाजसेवी संस्था व बुंदेलखंड जल संरक्षण समिति द्वारा भी इमरती को सम्मानित किया गया। इसके अलावा भी इमरती को कई मंचों पर सम्मानित किया जा चुका है।

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