लखनऊः उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में हो रहे नगरीय निकाय चुनाव को लोकसभा के सेमी फाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। लिहाजा सभी दलों की सक्रियता तो दिख रही है लेकिन सारे दल इस चुनाव को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। भाजपा (BJP) को छोड़कर किसी भी दल के शीर्ष नेता निकाय चुनाव (Nikay Chunav) के मैदान में नजर नहीं आ रहे हैं। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav), बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) की अध्यक्ष मायावती (Mayawati) हों या फिर कांग्रेस (Congress) नेता प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi), कोई भी इस दंगल में अब तक नहीं कूदा है। विपक्ष की इस निष्क्रियता को सत्ता पक्ष को वॉकओवर के रूप में देखा जा रहा है।
चार मई को है पहले चरण का मतदान
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)में हो रहे नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण का चार मई को मतदान (Voting) होना है। दो मई को चुनाव प्रचार थम जाएगा। इस लिहाज से देखें तो अब पहले चरण में प्रचार के लिए गिनती के चंद रोज ही बचे हैं। अब तक प्रमुख विपक्षी दल सपा (SP), बसपा (BSP) और कांग्रेस (Congress) कहीं से भी सक्रिय नहीं नजर आती है। इसकी तुलना में भाजपा (BJP) के सरकार और संगठन के सभी बड़े चेहरों ने इन चुनावों में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। अप्रैल की गर्मी से बेपरवाह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अगुआई में दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya), ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) एवं अन्य मंत्री फील्ड में पसीना बहा रहे हैं। स्थानीय सांसदों एवं विधायकों को भी बागियों को मनाने एवं हर हाल में जीत हासिल करने का साफ संदेश संगठन की ओर से दिया गया है।
चुनाव से गायब हैं सपा मुखिया अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav)अभी तक चुनाव से गायब हैं। संभव है चुनाव के अंतिम दिनों में वह कुछ सभाएं करें। बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) प्रचार के लिए निकलेंगी इसकी कोई उम्मीद फिलहाल नहीं है। रही बात यूपी में बिना किसी जमीन के पांव पसारने की कोशिश करने वाली अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के आम आदमी पार्टी (आप) की तो इसके अकेले किरदार सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) हैं। उनका सारा प्रयास प्रेस कॉन्फ्रेंस तक ही सीमित है। बसपा (BSP) और कांग्रेस (Congress) ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उनका कोई बड़ा नेता चुनाव प्रचार में नहीं जाएगा। इसके बाद यूपी में मुख्य विपक्षी दल सपा (SP) है। जिस प्रकार से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) अपनी टीम के साथ चुनाव प्रचार में जुटे हैं, अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को भी इस चुनाव में मजबूती से उतरना चाहिए। चुनाव में नहीं उतरने से उनके कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटेगा। यह सपा (SP) के लिए ठीक नहीं होगा।
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सीएम योगी ने संभाली कमान
हर चुनावों की तरह इस चुनाव की भी कमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath)ने संभाल ली है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, शामली, अमरोहा, उन्नाव, रायबरेली, लखनऊ में उनकी जनसभाएं हो चुकी हैं। गुरुवार को आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद में उनकी सभाएं हुई जबकि आज शुक्रवार को नैमिषारण्य, लखीमपुर खीरी, बलरामपुर एवं गोरखपुर में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के प्रस्तावित कार्यक्रम हैं। शुक्रवार और शनिवार को गोरखपुर मंडल के सभी जिलों में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम लगे हैं। पहले दिन शुक्रवार को सिविल लाइंस स्थित आशीष मैरेज हाल (गोरखपुर क्लब परिसर) में चिकित्सकों के सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके बाद राप्तीनगर के डॉ भीमराव आंबेडकर जूनियर हाईस्कूल परिसर में एक सभा को भी संबोधित करेंगे। इस क्रम को जारी रखते हुए शनिवार को वह गोरखपुर महानगर के आर्यनगर उत्तरी स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में व्यापारी सम्मेलन में अपना मार्गदर्शन देंगे। इसके बाद महराजगंज से जीएसवीएस डिग्री कॉलेज में जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद कुशीनगर (Kushinagar) के उदित नारायण पीजी कॉलेज में पार्टी की ओर से आयोजित जनसभा को संबोधित करेंगे। शाम को देवरिया के राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में भी मुख्यमंत्री एक चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। एक मई को गोरखपुर में टाउनहॉल पर भी उनकी एक सभा होनी है। होगी। चूंकि गोरखपुर (Gorakhpur) मुख्यमंत्री का गृह जनपद है। लिहाजा यहां की हार-जीत उनकी साख से जुड़ती है। यही वजह है कि गोरखपुर पर उनका खास फोकस है। इसके पहले भी 19 अप्रैल को वह वहां सभी जिलों की अलग-अलग बैठक कर कार्यकर्ताओं को जीत हासिल करने के टिप्स दे चुके हैं।
पहले चरण में मेयर की 10 सीटें
उल्लेखनीय है कि पहले चरण में 10 नगर निगमों के मेयर, 830 पार्षदों, 104 नगर पालिका अध्यक्ष, 276 नगर पंचायत अध्यक्ष और इनके सदस्य चुने जाने हैं। पहले चरण में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, झांसी, प्रयागराज, लखनऊ, गोरखपुर और वाराणसी में मेयर चुने जाने हैं। 2017 के चुनावों में भाजपा ने इन पर क्लीनस्वीप किया था। इसी चरण में मैनपुरी और रामपुर भी हैं। यहां सपा (SP) के दम-खम की एक बार फिर परीक्षा होगी।
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