Home उत्तर प्रदेश साइबर अपराध पर नकेल कसने में कामयाब हो रहा यूपी

साइबर अपराध पर नकेल कसने में कामयाब हो रहा यूपी



लखनऊः सरकार की सक्रियता के चलते उत्तर प्रदेश में अपराध का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है। पुलिस महकमे के आधुनिक और तकनीकी रूप से दक्ष होने का सीधा-सीधा असर अब क्राइम रेट पर दिखाई दे रहा है। एनसीआरबी द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक जहां देश में साइबर अपराध के मामले बढ़े हैं, तो वहीं उत्तर प्रदेश में इससे सम्बंधित मामलों में काफी गिरावट आई है।

देश में साइबर क्राइम के मामलों की बात की जाए तो जहां 2021 में कुल 52,974 केस दर्ज किए गए थे, वहीं 2020 में लॉकडाउन के दौरान इनकी संख्या 50,035 थी। उससे ठीक एक साल पहले यानी वर्ष 2019 में साइबर अपराधियों ने कुल 44,735 अपराधों को अंजाम दिया था। साइबर अपराध के मामले में अगर राज्यों की तुलना की जाए तो बीते वर्ष 2021 में तेलंगाना में सबसे अधिक साइबर अपराध के 10,303 केस दर्ज किए गए थे, जबकि 2020 में सबसे अधिक 11,097 साइबर अपराध के मामले उत्तर प्रदेश में पंजीकृत किए गए थे।

2019 में साइबर अपराध के मामले में नम्बर एक राज्य कर्नाटक में 12,020 तो उत्तर प्रदेश में 11,416 केस दर्ज हुए थे। अगर एटीएम से सम्बंधित अपराध की बात हो तो उत्तर प्रदेश में वर्ष 2021 में कुल 93 केस एटीएम से फ्रॉड करने के दर्ज किए गए हैं, तो 329 लोग साइबर अपराधियों के द्वारा ऑनलाइन बैंकिंग के शिकार हुए। लोगों की सतर्कता की वजह से ओटीपी के द्वारा होने वाले फ्रॉड यूपी में कुल 27 ही दर्ज हुए।

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साइबर अपराध के कारण

साइबर अपराध करने के कारणों पर गौर करें तो व्यक्तिगत बदले के कुल 1,724 मामले देश भर में दर्ज किए गए। जिनमें पीड़ित व्यक्तिगत बदले का शिकार हुआ। व्यक्तिगत बदले के कारण साइबर अपराध के सबसे अधिक मामले असम (802) और यूपी (45) में दर्ज हुए। यूपी में 147 साइबर अपराध सिर्फ गुस्से की वजह से किए गए, जबकि देश भर में गुस्से से किए गए साइबर अपराधों की संख्या 883 रही। धोखाधड़ी करने के उद्देश्य से देश भर में कुल साइबर अपराधों की संख्या 32,230 रही, जबकि उत्तर प्रदेश में धोखाधड़ी के उद्देश्य से कुल 4,073 लोगों को साइबर अपराधियों ने अपना शिकार बनाया। वसूली के लिए किए गए साइबर अपराध पर नजर डालें तो देश भर में 2,883 लोगों से साइबर अपराध का सहारा लेकर वसूली की गई। अगर बात उत्तर प्रदेश की हो तो 1,108 लोग साइबर तकनीकी के जरिए वसूली का शिकार हुए।

यौन शोषण के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल

साइबर तकनीकी के जरिए अपराधियों द्वारा यौन शोषण आम बात हो चुकी है। कोई किसी की अश्लील फोटो बनाकर इंटरनेट पर डाल रहा, तो कोई किसी का अश्लील वीडियो बना इंटरनेट पर डालने की धमकी देकर लाखों रूपए की वसूली कर रहा है। 2021 में पूरे देश में इस तरह के कुल 4,555 और उत्तर प्रदेश में 512 मामले दर्ज किए गए।

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