लखनऊ: यूपी एटीएस ने बुधवार को म्यांमार के नागरिक को फर्जी दस्तावेज के साथ गिरफ्तार किया है। उसके पास से एटीएस को फर्जी दस्तावेज से बनाये गए भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड, डेबिट कार्ड सहित म्यांमार, बर्मा का राशन कार्ड भी बरामद हुआ है।
यूपी एटीएस के अधिकारी ने बताया कि सहयोगी जांच एजेंसियों से मिली सूचना के बाद संत कबीरनगर के बखिरा थाना क्षेत्र स्थित नौरो गांव निवासी अजीजुल हक को गिरफ्तार किया है। वह मूल रुप से बर्मा, जिला अक्याब, रखाइन नयाफारा निवासी है। उसके पास से एक स्वयं का व दो अन्य समेत तीन आधार कार्ड, पैनकार्ड, डेबिड कार्ड, राशन कार्ड (म्यांमार का), पांच बैकों के खातों की पासबुक बरामद हुई है।
पूछताछ में पता चला है कि उसने सभी दस्तावेज फर्जी तरीके से बनावयें हैं। इन्हीं पासपोर्ट पर उसके द्वारा सऊदी अरब व बांग्लादेश की यात्रा की गयी है। वर्ष 2017 में इसके द्वारा अपनी मां, बहन तथा दो भाईयों को भी अवैध रूप से भारत लाया है और उनके भी फर्जी दस्तावेज तैयार किये गए हैं।
एटीएस अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में अभियुक्त ने बताया कि वह वर्ष 2001 में बांग्लादेश के रास्ते से भारत में आया था। संत कबीरनगर के नौरों गांव निवासी बदरे आलम ने बताया कि अजीजुल्लाह उसका सगा बेटा नहीं है और न ही उसका कोई रिश्तेदार है बल्कि वह मेरे बेटे इनायत उल्ला को मुंबई में मिला था। अजीजुल्लाह ने स्वयं को अनाथ बताया जिस पर मुझे उस पर दया आ गयी और मैं उसे अपने घर ले आया। मैंने ही अजीजुल्लाह का नाम अपने राशन कार्ड में दर्ज करवा दिया जिसके आधार पर बाद में इसने भारतीय पासपोर्ट और अन्य कागजात बनवा लिए।
अजीजुल हक ने बताया कि वो 2002 से भारत में रह रहा है और वर्ष 2017 में अपनी मां आबिदा खातून, बहन फातिमा खातून, दो भाई जिया उल हक और मो. नूर को भी भारत ले आया था। उसका एक भाई जिया उल हक नासिक में रहता है जबकि बहनोई नूर आलम और भाई मो. नूर खलीलाबाद आने के बाद से कही चले गए हैं।
एटीएस अधिकारी ने बताया कि यह भी प्रकाश में आया है कि अजीजुल्लाह के खाते में विभिन्न व्यक्तियों, फर्मों और विदेशों से भी काफी मात्रा में पैसा आया है, जिसकी जांच की जा रही है। गिरफ्तार अभियुक्त को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया जाएगा, जिससे कि भारत में इनके अन्य सहयोगियों के बारे में जानकारी की जा सके।