उज्जैनः भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में रविवार को शास्त्रीय मान्यता अनुसार मकर संक्रांति पर्व मनाया जा रहा है। शनिवार रात 8.50 बजे सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही संक्रांति संक्रमण काल शुरू हो गया। इससे अगले दिन के सूर्योदय यानी आज से पर्व मनाया जा रहा है। शुरुआत ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से हुई। तड़के चार बजे भस्मारती में भगवान महाकाल को तिल के उबटन से स्नान कराया गया और तिल के बने पकवानों का भोग लगाया गया। तेज ठंड के बावजूद महाकाल के दरबाज में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भस्मारती में शामिल हुए।
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तिल के उबटन से स्नान के बाद भांग व सूखे मेवे से दिव्य श्रृंगार कर नवीन वस्त्र व सोने चांदी के आभूषण धारण कराए गए। तिल से बने पकवानों का भोग लगाकर आरती की गई। इधर, मकर संक्रांति पर्व पर मोक्षदायिनी शिप्रा में भी पर्व स्नान चल रहा है। सुबह छह बजे से मोक्षदायिनी शिप्रा में पर्व स्नान की शुरुआत हो गई। देशभर से आने वाले श्रद्धालु शिप्रा नर्मदा के जल से स्नान कर दान-पुण्य कर रहे हैं। शहर के प्रमुख मंदिरों में दर्शनार्थियों की भीड़ रहेगी। चिंतामन गणेश, बड़ा गणेश आदि मंदिरों में भी मकर संक्रांति मनाई जा रही है।
बता दें कि मकर संक्रांति के दिन तीर्थ स्थल पर स्नान के साथ दान आदि का महत्व है। सुबह तीर्थ स्नान और तिल से बने पकवान, कंबल, ऊनी वस्त्र, चावल-मूंग की दाल आदि वस्तुओं के दान का विशेष महत्व है। संक्रांति पर मोक्षदायिनी शिप्रा में स्नान का महत्व होने से श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। मंदिरों में दर्शन-पूजन कर दान-पुण्य किया जा रहा है।
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