भोपालः भैरव अष्टमी के अवसर पर गुरुवार को उज्जैन के मंदिर में भगवान भैरवनाथ (Bhairavnath) के भक्तों का तांता लगा रहा। मंदिर के पुजारियों द्वारा ‘श्लोक’ के उच्चारण के बीच शहर में चार क्विंटल फूलों की सजावट और भगवान भैरवनाथ के जुलूस के साथ पारंपरिक अनुष्ठानों के बाद मुख्य प्रार्थना आयोजित की गई। काल भैरव मंदिर में प्राचीन काल से चली आ रही परम्परा को कायम रखते हुए भगवान भैरवनाथ को शराब, सिगरेट,भांग और चरस समेत करीब 1,351 प्रकार के भोग चढ़ाए गए।
ये भी पढ़ें..Parliament Winter Session: सात दिसम्बर से शुरू होगा संसद का शीतकालीन सत्र, 23 दिनों में होंगी 17 बैठकें
बता दें कि भगवान भैरवनाथ (Bhairavnath) को जो भोग लगाए गए उसमें- 390 प्रकार की अगरबत्ती, 180 प्रकार के फेस मास्क, 75 प्रकार के सूखे मेवे, 64 प्रकार की चॉकलेट, 60 प्रकार की गुजराती नमकीन, 60 पैकेट सिगरेट, 56 प्रकार के नमकीन, 55 प्रकार की मिठाइयां, 45 प्रकार के बिस्कुट, 40 प्रकार की शराब (रम, व्हिस्की, टकीला, वोदका, बीयर और शैंपेन), ‘चिलम’, भांग, 40 प्रकार की बेकरी आइटम और 30 प्रकार की गजक, 28 प्रकार के शीतल पेय और 28 प्रकार के फल शामिल हैं।
शराब पीकर खुश होते है काल भैरव
मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में काल भैरव मंदिर शिप्रा नदी के तट पर स्थित है। इस मंदिर में पीछले 40 सालों से प्रसाद के रुप में व्हिस्की, रम और वोडका ही चढ़ाई जाती है। काल भैरव को समर्पित इस मंदिर में माना जाता है कि इससे भगवान भैरव खुश रहते हैं और सबकी मुराद पूरी करते हैं। इतना ही नहीं यहां चढाई जाने वाली शराब सभी भक्तों को चाहे वो महिला हो, पुरूष हो या बच्चा, सबको प्रसाद के रूप में बांटी जाती है।
मंदिर के पुजारी धर्मेंद्र चतुर्वेदी ने कहा कि अष्टमी का उत्सव बुधवार सुबह शुरू हुआ था और अगली रात ‘महाआरती’ के बाद प्रसाद वितरण के साथ संपन्न हुआ। दरअसल शिवभक्तों के लिए काल भैरव जंयती का दिन बहुत खास होता है। इस दिन ब्रह्म योग बन बन रहा है साथ ही वृश्चिक संक्रांति भी है। संक्रांति के दिन सूर्य तुला से वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)