कानपुरः जम्मू स्थित वैष्णो देवी धाम में शनिवार को अचानक भगदड़ हो गई। इस हादसे में कानपुर के दो लोगों की जान चली गई। जिनकी मौत हुई है वह आपस में जीजा साले थे। यह लोग एक साथ सात लोगों के साथ वैष्णो देवी धाम के दर्शन करने गये थे। बिधनू थाना क्षेत्र के काकोरी गांव निवासी किसान बाबू कश्यप का छोटा बेटा नरेंद्र पनकी निवासी साले महेन्द्र के साथ 29 दिसम्बर को वैष्णो देवी धाम के दर्शन करने गया था। इनके साथ पांच अन्य लोग भी थे।
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शनिवार को वैष्णो देवी धाम में अचानक भगदड़ मच गई और हादसे में नरेन्द्र (जीजा), महेन्द्र (साला) की मौत हो गई। नरेन्द्र मजदूरी करता था और आठ वर्ष पहले उसका विवाह पनकी निवासी जानकी के साथ हुआ था। उसे सात साल का बेटा निखिल और पांच साल की बेटी जान्हवी है। वह घर परिवार के साथ रहकर बच्चों का पालन पोषण करता था। पड़ोसी मनोज यादव के मुताबिक नरेंद्र तीन दिन पहले पनकी निवासी साले महेन्द्र के संग वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए जम्मू गया था। पनकी थाना क्षेत्र निवासी महेंद्र पेट्रोल पंप में नौकरी करता था। हाल ही में उसकी शादी तय हुई थी, इसको लेकर वो काफी खुश भी था। इसीलिए माता के दर्शन करने गया था।
सात लोग गये थे एक साथ
29 दिसम्बर को प्रांशु ठाकुर, शिवम दीक्षित, अजय, कल्लू सविता, महेंद्र कुमार, नरेंद्र कश्यप और राहुल एक साथ दर्शन करने गए थे। अचानक मची भगदड़ में महेंद्र गौड़ (26 वर्ष, साला) और नरेंद्र कौशिक (40 वर्ष, जीजा) की मौत हो गई। वे भगदड़ में अपने आपको संभाल नहीं पाए और भीड़ के पैरों तले दबकर उनकी मौत हो गई। मोहल्ले के उत्कर्ष ने बताया कि जीजा नरेंद्र को एक जनवरी को जन्मदिन होता है। वे हर साल वैष्णो देवी दर्शन करने जाते थे।
फ्लाइट से आ रहे शव
मृतकों के घर पहुंचे एडीएम सिटी अतुल कुमार ने बताया कि जम्मू से फ्लाइट से दोनों के शव आ रहे हैं। शव कब तक पहुंचेगें इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है। फ्लाइट लखनऊ एयरपोर्ट पर लैंड करेगी। फ्लाइट में गोरखपुर के मृतक का भी शव आ रहा है।
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