रांची: झारखंड में लम्पी वायरस (Lumpy Virus) ने फिर से दस्तक दे दी है। लोहरदगा जिले (Lumpy Virus) में कई जगहों पर इस वायरस की मौजूदगी के निशान मिले हैं। इसे लेकर एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। इस दौरान मवेशियों से सैंपल लिए गए हैं, जिनकी जांच भोपाल में होगी। जांच के बाद ही स्पष्ट रूप से कुछ कहा जा सकता है।
लम्पी वायरस क्या है
मवेशियों में गांठदार बीमारी मच्छरों या खून चूसने वाले कीड़ों से फैलती है। यह एक संक्रामक गांठदार त्वचा रोग है जो त्वचा रोग वायरस (Lumpy Virus) के कारण होता है। यह अधिकतर गाय-भैंसों में पाया जाता है। संक्रमित होने के दो-तीन दिन के भीतर मवेशियों को हल्का बुखार हो जाता है। फिर शरीर पर गांठदार दाने निकल आते हैं, जिसके बाद कुछ गांठें घाव में बदल जाती हैं। मवेशियों की नाक बह रही है। पैरों में सूजन आ जाती है और मुंह से लार आने लगती है तथा दूध कम हो जाता है। गर्भावस्था में इससे मवेशी को मिस कैरेज हो सकता है। इसके अलावा उनकी त्वचा को स्थायी नुकसान भी हो सकता है। इससे प्रभावित मवेशियों में मृत्यु दर लगभग पांच फीसदी है।
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उपलब्ध है पर्याप्त वैक्सीन
इसमें एलएसडी (गोट पॉक्स) वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाता है। इस वैक्सीन का टीका लगाया जाता है। वर्तमान में यह पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उम्मीद है इस पर काबू पा लिया जाएगा, क्योंकि गांठदार त्वचा रोग उच्च तापमान और आर्द्रता में तेजी से और अधिक आसानी से फैलता है। इसलिए बरसात के मौसम को देखते हुए इसके फैलने की आशंका जताई गई है।
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