लखनऊः संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) महापंचायत आज राजधानी लखनऊ में आयोजित हो रही है। जिसमें एमएसपी की गारंटी देने वाले कानून के लिए दबाव डाला जाएगा और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने की मांग की जाएगी। महापंचायत इको गार्डन में आयोजित की जाएगी। इस महापंचायत में राकेश टिकैत भी शामिल होंगे। इसके अलावा भाकियू व मोर्चे के कई और भी नेता भी महापंचायत में सम्मिलित होंगे। इस बीच, लखनऊ के पुलिस आयुक्त डी.के. ठाकुर ने कहा कि किसान महापंचायत के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
प्रधानमंत्री की घोषणा के बावजूद, किसान नेताओं ने कहा है कि जब तक संसद में तीन विवादास्पद कानूनों को औपचारिक रूप से निरस्त नहीं किया जाता तब तक प्रदर्शनकारी अपनी जगह से नहीं हिलेंगे। उन्होंने यह भी संकेत दिया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की वैधानिक गारंटी और बिजली संशोधन विधेयक को वापस लेने के लिए आंदोलन जारी रहेगा। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार द्वारा जिन कृषि सुधारों की बात की जा रही है, वे झूठे और दिखावटी हैं। इनसे किसानों की दुर्दशा समाप्त नहीं होगी। किसानों और कृषि के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी सुधार कानून बनाना होगा। बीकेयू की उत्तर प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष हरनाम सिंह वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि एमएसपी कानून कब बनाया जाएगा। जब तक एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून नहीं बनाया जाता है। साथ ही मंत्री अजय मिश्रा टेनी को उनके पद से हटाया जाए, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में लखीमपुर खीरी में एक एसयूवी द्वारा चार किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया गया था। इसमें चार किसानों के अलावा, एक पत्रकार और दो भाजपा कार्यकर्ता भी मारे गए। मामले में अब तक मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा समेत एक दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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वर्मा ने कहा कि भाजपा ने पिछले यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान वादा किया था कि एक बार सरकार बनने के बाद, गन्ना किसानों को 14 दिनों के भीतर भुगतान प्राप्त होगा। लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। पिछले साढ़े चार सालों में गन्ने की कीमत में केवल 25 रुपये वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय किसान मंच के अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने कहा जब तक प्रदर्शनकारी किसानों की सभी मांगें पूरी नहीं हो जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। प्रधानमंत्री ने आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए घोषणा की। लखीमपुर खीरी कांड में मारे गए चार किसानों में से एक गुरविंदर सिंह के पिता सुखविंदर सिंह ने कहा कि वह महापंचायत में शामिल होंगे।
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