लखनऊः ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ के देश में सीमित आपात इस्तेमाल को रविवार को मंजूरी दे दी। इसके बाद से अब देश भर में जगह-जगह ड्राई रन (मॉक ड्रिल) किया जा रहा है। इस क्रम में आज यानी मंगलवार को उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में 6-6 केंद्र बना कर वैक्सीनेशन का ड्राई रन किया जाएगा। हलांकि इस दौरान किसी भी शख्स को वैक्सीन लगाई नहीं जाएगी सिर्फ ट्रायल किया जाएगा कि वैक्सीन कैसे लगाई जाए।
स्वस्थ्य विभाग ने बताया कि ड्राई रन डॉक्टर्स के साथ ही पुलिस प्रशासन की टीमें व इस आयोजन के लिए चिन्हित सम्बन्धित जिले की सेंटरों की टीमें शामिल होंगी। ड्राई रन सही प्रकार से हो और कहीं किसी प्रकार की चूक न हो इसके लिए वर्कशॉप कराई गई हैं। इसके अलावा कोल्ड चेन से लेकर स्टोरेज व वैक्सीन के मूवमेंट तक की पल-पल जानकारी रखी जाएगी ताकि जब वैक्सीनेशन शुरू हो तो वह पूरी तरह से त्रुटि रहित रहे।
विशेषज्ञों के मुताबिक, लखनऊ में दो दिन पूर्व हुए ड्राई रन की तर्ज पर ही बाकि सभी जिलों में ड्राई रन किया जाएगा। इसके तहत अलग-अलग सत्र में अलग-अलग टीमें बनाई जाएगी जिसमें पांच टीकाकरण कर्मी तथा 25 -25 टीका लगवाने वाले लाभार्थी होंगे।
कई चरणों में होगा ड्राई रन
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक ड्राई रन मुख्य रूप से पांच चरणों में होगा। पहले चरण में वैक्सीन लगवाने वाले की पहचान होगी। उसके बाद उसके लिए वैक्सीन की वायल लगाने वाले स्वास्थ्यकर्मी को दी जाएगी फिर वैक्सीन लगवाने वाले की आईडी लॉग इन की जाएगी और उसके बाद उन्हें वैक्सीन लगाई जाएगी। वैक्सीनेशन के बाद एक कार्ड दिया जाएगा। इस कार्ड में जिस दिन वैक्सीनेशन हुआ, उस दिन का विवरण और अगले 28वें दिन लगने वाली दूसरी डोज़ की तारीख अंकित होगी। वैक्सीनेशन के बाद प्रत्येक व्यक्ति को 30 मिनट तक ऑब्जरवेशन में रखा जाएगा।
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हर सेंटर पर बने तीन कमरे
ड्राई रन के दौरान बायोमेडिकल वेस्ट का निष्पादन करने से लेकर वैक्सीन लगवाने वाले व्यक्ति को ऑब्जरर्वेशन कमरे में रखने के बाद वैक्सीन का प्रतिकूल प्रभाव देखने और उसके सम्भावित इलाज पर भी नजर रखी जाएगी। इसके अलावा हर वैक्सीनेशन सेन्टर में तीन कमरे होंगे। इसमें पहला रूम वेटिंग रूम जिसमें लाभार्थी का वेरिफिकेशन करने के बाद उसे बैठाया जाएगा और उसका कोविड पोर्टल पर डाटा अपलोड किया जाएगा। दूसरा रूम वैक्सीनेशन रूम होगा, जहां पर संबंधित व्यक्ति को टीका लगाया जाएगा। ऑब्जरवेशन में रखे गए लोगों पर नजर रखने के लिए तीसरे रूम में स्पेशलिस्ट टीम तैनात रहेगी, जिसमें डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ रहेंगे। जो वैक्सीन लेने वाले व्यक्ति की देखभाल करेंगे और रिएक्शन नोट करेंगे। ताकि किसी को कोई परेशानी होने पर तुरंत इलाज किया जा सके