कोलकाता: बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाकर 50 किलोमीटर किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ मंगलवार को राज्य विधानसभा में पेश प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान जमकर हंगामा हुआ है। सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कूचबिहार जिले के दिनहाटा से विधायक उदयन गुहा इतने बेलगाम हो गए कि उन्होंने सदन में ही भाजपा विधायक मिहिर गोस्वामी को हाथ-पैर तोड़ने की धमकी दे डाली। इतना ही नहीं उन्होंने सीमा पर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों पर चेकिंग के बहाने महिलाओं को अश्लील इरादे से इधर-उधर छूने के आरोप भी मढ़ लगाए। हालांकि गुहा की भाषा को लेकर अध्यक्ष विमान बनर्जी ने नाराजगी जताई और उन्हें संयमित होकर विधानसभा में अपना पक्ष रखने की नसीहत दी।
दरअसल, संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया, जिस पर विधानसभा के द्वितीयार्ध सत्र में चर्चा शुरू हुई है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर से इस संबंध में उदयन गुहा के अलावा तापस रॉय सहित कई अन्य विधायकों ने पक्ष रखा। भाजपा की ओर से मिहिर गोस्वामी और अन्य विधायकों ने पक्ष रखा। तृणमूल के तापस रॉय ने कहा कि बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने की वजह से राज्य के 21 विधानसभा क्षेत्र उसके अंतर्गत आते हैं।
भारतीय जनता पार्टी चाहती है कि इन क्षेत्रों में बीएसएफ का वर्चस्व कायम हो ताकि वह राजनीतिक लाभ ले सकें। हकीकत यही है कि बीएसएफ और भाजपा एक हो गए हैं। इस पर भाजपा के मिहिर गोस्वामी ने कहा कि बीएसएफ कानून व्यवस्था लागू नहीं करती। जहां भी बीएसएफ की कार्रवाई होती है, वहां पुलिस साथ होती है और बीएसएफ कार्रवाई के बाद गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों और जब्त किए गए सामानों को पुलिस को ही सौंप देती है। ऐसे में जब पुलिस और बीएसएफ एक साथ होकर काम कर रहे हैं, तब तृणमूल कांग्रेस इसका विरोध क्यों कर रही है। इसका जवाब देने के लिए विधायक उदयन गुहा बोले कि आप अपने विधानसभा क्षेत्र में आइए आपका हाथ पैर तोड़ देंगे।
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इतना ही नहीं गुहा ने कहा कि भारत माता की जय के नारे लगाने वाले बीएसएफ के जवान हकीकत में महिलाओं की चेकिंग के दौरान अश्लील इरादे से उन्हें यहां वहां छूते रहते हैं। गुहा के इस बयान पर विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने तत्काल प्रतिक्रिया दी और कहा कि विधानसभा में आप इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकते। आप को संयमित होकर अपनी बात रखनी होगी। हालांकि इस फटकार के बाद गुहा की भाषा थोड़ी बहुत संयमित जरूर हो गई लेकिन सुर नरम नहीं हुए।
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