इस्लामाबादः तकनीकी खामी के चलते 9 मार्च को भारतीय मार्ग से भटककर सीमा पार पहुंची मिसाइल के मामले को उठाकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान जनता का ध्यान बांटना चाह रहे हैं। विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रही पाकिस्तान सरकार इस मसले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने से भी नहीं चूक रही है। भारत की मिसाइल ट्रैक न कर पाने के आरोप में पाकिस्तानी वायुसेना के तीन अधिकारी बर्खास्त किये गए हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस समय विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव सहित अपनी सरकार की नाकामियों को लेकर बुरी तरह घिरे हुए हैं। ऐसे में उन्हें भारत की ओर से दुर्घटनावश चली एक मिसाइल के रूप में अपनी नाकामियां छिपाने का हथियार मिल गया है। वैसे भारतीय मिसाइल के पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में घुसने और 124 किलोमीटर अंदर मियां चुन्नू इलाके में गिरने के बाद पाकिस्तानी फौज में खलबली है। पाकिस्तान में सबसे ज्यादा सवाल इस बात पर उठ रहे हैं कि पाकिस्तानी वायुसेना इस घटना पर दो दिन बाद क्यों सक्रिय हुई।
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मिसाइल फायर होते ही उसे क्यों नहीं पकड़ा जा सका। इन आरोपों में वायु सेना के एक कमांडर और दो एयर मार्शल स्तर के अधिकारियों को बर्खास्त भी किये जाने की जानकारी सामने आ रही है। इस बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने यह मसला जर्मनी के सामने भी उठाया है। जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेरबॉक को घटना की जानकारी देने के साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मिसाइल गिरने की घटना को गंभीरता से ध्यान देने को कहा है। इस मसले को भारत की गैरजिम्मेदाराना हरकत करार देकर उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव से भी चर्चा की है। इस मामले में अमेरिका भारत के साथ खड़ा दिख रहा है। अमेरिका ने कहा है कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि हाल ही में भारत की ओर से पाकिस्तान में जानबूझकर मिसाइल से फायरिंग की गई थी। विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि यह घटना महज एक दुर्घटना के अलावा कुछ भी नहीं थी।
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