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इस देश में अचानक बंद हो गये तीन शैक्षणिक संस्थान, अधर में फंसा भारतीय छात्रों का भविष्य

ओटावाः कनाडा में तीन शैक्षणिक संस्थानों के अचानक बंद होने के बाद 2,000 से अधिक भारतीय छात्र सड़क पर आ गए हैं। ऐसे में ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग ने शनिवार को भारतीय नागरिकों को फीस का भुगतान करने से पहले वहां के कॉलेजों की साख की जांच करने की सलाह दी है। कनाडा के सैकड़ों ट्रक ड्राइवरों ने अमेरिका-कनाडा सीमा पार करने के लिए कोरोना टीकाकरण अनिवार्य करने के विरोध में सड़क जाम कर रखी है। इसी के मद्देनजर तीन शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया। भारतीय दूतावास ने चेतावनी जारी करते हुए फंसे छात्रों को आश्वासन दिया है कि वह इस मुद्दे का हल जल्द करने के लिए स्थानीय अधिकारियों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के संपर्क में हैं। प्रभावित छात्रों में ज्यादातर पंजाब, हरियाणा और गुजरात से हैं। कॉलेजों को बंद करने से छात्रों की आव्रजन स्थिति खतरे में पड़ गई है।

जानकारी के अनुसार मॉन्ट्रियल के तीन कॉलेजों में 1,173 छात्र पढ़ रहे थे, जबकि 637 छात्र पंजाब और अन्य स्थानों से ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे थे। उच्चायोग से भारत के कई छात्रों ने संपर्क किया है, जिन्हें राइजिंग फीनिक्स इंटरनेशनल इंक की ओर से संचालित तीन संस्थानों में नामांकित किया गया था। इनमें एच मॉन्ट्रियल का एम कॉलेज, शेरब्रुक का सीईडी कॉलेज और लॉन्ग्यूइल का सीसीएसक्यू कॉलेज प्रभावित हुआ है।

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इस मुद्दे का समाधान करने के लिए उच्चायोग कनाडा की संघीय सरकार, क्यूबेक प्रांत की प्रांतीय सरकार के साथ-साथ भारतीय समुदाय के निर्वाचित कनाडाई प्रतिनिधि निकट संपर्क में हैं। छात्रों को यह भी बताया गया है कि कनाडा के अधिकारी प्रभावित लोगों को अन्य संस्थानों में प्रवेश लेने के लिए छूट की अवधि दे रहे हैं। एडवाइजरी में कहा गया है कि अगर छात्रों को अपनी फीस की प्रतिपूर्ति या फीस के हस्तांतरण में कोई कठिनाई होती है, तो वे क्यूबेक सरकार के उच्च शिक्षा मंत्रालय के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

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