गुरुग्रामः नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) मानेसर में काम के लिए टेंडर दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। विशेष बात यह है कि इस मामले में आरोपियों की तह तक जाने के लिए गठित एसआईटी ने बीएसएफ के कमांडेंट समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। ये तीनों एक ही परिवार के सदस्य हैं। पुलिस ने आरोपियों से 13 करोड़ 81 लाख 26 हजार रुपये नकद और छह लग्जरी गाड़ियां बरामद की हैं।
जानकारी के अनुसार एक निर्माण कंपनी संचालक देवेंद्र कुमार एनएसजी में प्रवीण यादव नामक व्यक्ति से मिले। प्रवीण यादव ने अपना नाम बदलकर सोमबीर जाखड़ नाम से देवेंद्र कुमार को बतौर ग्रुप कमांडर खुद का परिचय दिया। साथ ही खुद को एनएसजी में डेपुटेशन पर आया आईपीएस बताया। देवेंद्र कुमार को उस पर विश्वास हो गया। नकली ग्रुप कमांडर ने देवेंद्र कुमार से एनएसजी में काम का ठेका दिलाने के नाम पर 36 करोड़ रुपये की भारी-भरकम रकम कई बैंक खातों में जमा करवा ली। कुछ समय पर ठेका नहीं मिला तो पीडि़त देवेंद्र कुमार ने कथित ग्रुप कमांडर से बात की और अपने रुपये वापस करने को कहा। रुपये देने के बदले आरोपी ने उन्हें हैदराबाद में काम दिलाने का आश्वासन दे दिया। पीड़ित ने इस मामले में पुलिस को शिकायत दी।
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एसआईटी गठित होने के दो दिन में ही गिरफ्तार
दो दिन पूर्व पुलिस की ओर से एसआईटी गठित की गई। एसआईटी ने गहन जांच करके इस मामले में एनएसजी के कमांडेंट प्रवीण यादव, उनकी पत्नी ममता, बहन रितुराज और बहनोई नवीन के खिलाफ केस दर्ज किया। अब बहनोई नवीन तो फरार है, लेकिन प्रवीण यादव, उसकी पत्नी व बहन को गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि आरोपियों के पास से एसआईटी ने आरोपियों से 13 करोड़ 81 लाख 26 हजार रुपये नकद और छह लगजरी गाड़ियां हरियर, जीप कम्पास, बीएमडब्ल्यू, सफारी व वोल्वो बरामद की हैं। देवेंद्र यादव आठ महीने पहले एनएसजी में डेपुटेशन पर था।
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