लॉकडाउन में हजारों किमी. पैदल चली थी मनोरोगी गर्भवती, हैम रेडियो ने मिलाया परिवार से

 

कोलकाता: लॉकडाउन में हजार किलोमीटर का फासला तय कर एक मनोरोगी गर्भवती महिला रहस्यमय तरीके से उत्तर प्रदेश के सीतापुर से कोलकाता पहुंच गयी थी। वह अपना नाम पता नहीं बता पा रही थी जिसके बाद हैम रेडियो के मदद से उसके परिजनों को तलाशा जा सका है। महिला की पहचान सरस्वती देवी (29) के तौर पर हुई है। सरस्वती पिछले तीन महीने से लापता थी।

हैम रेडियो के बंगाल प्रभारी अंबरीश नाग विश्वास ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उसके परिजनों का पता लगाकर उसे वापस उसके ससुराल भेजा जा रहा है। एयरपोर्ट थाने की पुलिस को वह हाल ही में कोलकाता के बिराटी अंचल के गौरीपुर में असहाय पड़ी मिली थी। अदालत के निर्देश पर उसे राजारहाट के एक होम में रखा गया था। वहीं उसके गर्भवती होने की बात सामने आई। इसके बाद सरस्वती के परिजनों का पता लगाने के लिए हैम रेडियो की मदद ली गयी। सरस्वती अपने पिता के नाम के अलावा कुछ और नहीं बता पा रही थी।

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हैम रेडियो ऑपरेटरों ने पता लगाया कि सरस्वती के पिता विजय हेला कैनिंग अस्पताल में सफाई कर्मी थे और 16 साल पहले रहस्यमय तरीके से लापता हो गए थे। सरस्वती की मां अग्नि हेला अभी कैनिंग अस्पताल में ठेका आधार पर काम करती है। बेटी की तस्वीर देखकर मां ने उसे पहचान लिया, लेकिन मूक-बधिर होने के कारण वह अपनी बेटी के ससुराल के बारे में बता नहीं पा रही थी। ‘साइन लैंग्वेज’ की मदद से किसी तरह उनसे उनकी बेटी के ससुराल के बारे में पता लगाया गया और उसके बाद सीतापुर के पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया गया, जहां से सरस्वती के पति सुधीर कुमार का पता चला।

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सुधीर ने बताया कि पिछले साल सरस्वती से उनका विवाह हुआ था। विवाह के कुछ महीने के बाद सरस्वती गर्भवती हो गयी थी। इसके साथ ही वह मानसिक रूप से बीमार भी हो गयी थी और खुद से बड़बड़ करने लगती थी। तीन महीने पहले वह रहस्यमय तरीके से लापता हो थी। उन्होंने स्थानीय थाने में अपनी पत्नी के लापता होने की रपट दर्ज कराई थी। लॉकडाउन के कारण वह पत्नी का पता लगाने कैनिंग नहीं आ पाए थे। अंबरीश नाग ने बताया कि सुधीर कुमार अपनी पत्नी को लेने ट्रेन से कोलकाता पहुंच रहे हैं। सीतापुर पुलिस की तरफ से इसकी व्यवस्था की गयी है।