Lonar Lake: रहस्यों से भरी है यह झील, अकबर भी पीते थे इसका पानी

lonar-crater-lake

पुणेः बुलढाणा जिले के एक गांव की झील कई रहस्यों को समेटे हुए है। इसकी पहेली वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पा रहे हैं। 52 हजार वर्ष पहले 90 हजार किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 20 लाख टन वनज वाले उल्का पिंड गिरने से इस झील का निर्माण हुआ है। हालांकि इसमें वैज्ञानिकों की अलग-अलग राय है। कुछ उल्कापिंड गिरने से इसका निर्माण बताते हैं, जबकि कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि ज्वालामुखी से यह झील बनी है। इनका मत है कि बसाल्ट के मैदानों में साढ़े छह करोड़ वर्ष पुरानी ज्वालामुखी चट्टानों से यह झील बनी है। यहां मस्केलिनाइट भी पाया गया, यह वो कांच है जो तेज गति से टकराने से ही बनता है। यह झील महाराष्ट्र के बुलढाणा में स्थित है। इसे लोग लोनार क्रेटर के नाम से जानते हैं।

प्रचलित हैं किवदंतियां –

यहां आस-पास रहने वाले लोगों में इस झील को लेकर कहानी भी प्रचलित है। उनका कहना है कि लोणासुर नाम का एक राक्षस इस क्षेत्र के लोगों को परेशान करता था। राक्षस के अत्याचारों से त्रस्त लोगों ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की। इस पर भगवान विष्णु ने लोगों को दर्शन दिये और लोणासुर को इतनी जोर से पटका कि यहां एक बड़ा गड्ढा बन गया, जिससे यहां झील बन गई।

ये भी पढ़ें..इस गांव में रोजाना शाम को बंद हो जाते हैं TV व मोबाइल, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

वैज्ञानिकों ने किया शोध –

झील का शोध करने के बाद वैज्ञानिक बताते हैं कि पृथ्वी से प्रतिवर्ष 30 हजार से अधिक उल्का पिंड टकराती रहती हैं और इसी प्रकार के किसी भारी उल्का के यहां चट्टानों पर टकराने से धमाकेदार गड्ढा बना है। हालांकि वैज्ञानिकों में इस झील के निर्माण को लेकर मतभेद है।

वेदों में भी है झील का वर्णन –

ऋग्वेद और स्कंद पुराण में भी लोनार झील का वर्णन किया गया है। वहीं, पद्म पुराण और आईन-ए-अकबरी में भी इसका जिक्र है। कहा जाता है कि अकबर इस झील का पानी सूप में डालकर पिया करता था। इस झील को दुनिया के सामने लाने में ब्रिटिश अधिकारी जेई अलेक्जेंडर ने मुख्य भूमिका निभाई। उन्होंने 1823 में लोनार के्रटर का दौरा किया था।

पर्यटकों के लिये खास आकर्षण –

लोनार क्रेटर व इसके आस-पास हरियाली व जंगल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। यहां दर्जिन चिड़िया, लार्क, उल्लू, सुनहरे आरिओल, बेयबीवर्स, रेड वाटल्ड लेप्विंग्स, नेवले, लंगूर, शेलडक, उल्लू, हुपोस, हिरण आसानी से देखे जा सकते हैं। इनके अलावा यह स्थान पूरे साल प्रवासी पक्षियों के कलरव से गुंजायमान रहता है, जिन्हें देखने पर्यटक यहां दूर-दूर से आते हैं।

लोनार मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा –

लोनार क्रेटर के पास कई मंदिर हैं, जहां पर्यटक जाना नहीं भूलते। यहां राम गया मंदिर, जलमग्न शंकर गणेश मंदिर, कमलजा देवी मंदिर हैं, साथ ही यहां लोनार मंदिर भी स्थित है। लोनार मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा होती है। माना जाता है कि इसी स्थान पर लोणासुर का विनाश हुआ था।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)