Monsoon In India: भारत में इस तरह होती है मानसून की एंट्री, जानें क्या है प्री और पोस्ट मानसून

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Monsoon In India: लखनऊः केरल के रास्ते देश में मानसून (Monsoon) ने दस्तक दे दी है। मानसून के आगमन के साथ ही देश भर में बारिश के आसार बनने लगे हैं। वहीं, केरल समेत दक्षिणी राज्यों में बारिश शुरू हो गई है। इस साल मानसून सामान्य समय से करीब एक सप्ताह देरी से भारत पहुंचा है। यह जानकारी सीएसए के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने शुक्रवार को दी।

जानिए क्या है मानसून

मौसम विज्ञानी ने बताया कि मानसून (Monsoon) शब्द की उत्पत्ति अरबी भाषा के मौसिम से हुई है। इस शब्द की उत्पत्ति अरब के समुद्री व्यापारियों द्वारा की गई थी। व्यापारी नाविकों समुद्री हवाओं को मौसिम कहते थे। जिसे बाद में मानसून के रूप में जाना जाने लगा। सामान्य भाषा में मानसून ऐसी हवाएँ होती हैं, जो ऋतु के अनुसार अपनी दिशा बदल लेती हैं। मानसून वह हवा है जो बारिश लाती है। मानसून के आने के बाद बारिश होने लगती है।

देश में मानसून (Monsoon) के आगमन का समय क्या है

मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक भारत में मानसून (Monsoon) सबसे पहले केरल पहुंचता है। आमतौर पर केरल में इसके आगमन की तिथि 1 जून तक होती है। हालांकि, इसमें एक-दो हफ्ते की देरी भी देखी गई है। भारत में, मानसून सबसे पहले हिंद महासागर और अरब सागर से दक्षिण-पश्चिमी तट पर पहुंचता है। इसके बाद मानसूनी हवाएँ देश के दक्षिण और उत्तर की ओर चलती हैं।

कितने तरह की होती हैं मानसूनी हवाएं

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार देश में दो तरह की मानसूनी हवाएं चल रही हैं। पहला ग्रीष्मकालीन मानसून और दूसरा शीतकालीन मानसून। भारत में दोनों मानसून (Monsoon) का प्रभाव अलग-अलग समय पर रहता है। भारत में ग्रीष्म मानसून अप्रैल से सितंबर तक रहता है और शीतकालीन मानसून अक्टूबर से मार्च तक रहता है। जबकि भारत में मानसून की दो शाखाएँ हैं। पहला अरब सागर का मानसून और दूसरा बंगाल की खाड़ी का मानसून। इन दोनों के कारण ही भारत में वर्षा होती है।

कैसे पता चलती है भारत में मानसून की एंट्री

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग भारत में मानसून (Monsoon) के आगमन की घोषणा करता है। जब केरल, कर्नाटक और लक्षद्वीप में लगातार बारिश होने लगती है तो उसके आने की घोषणा मौसम विभाग द्वारा की जाती है। इसके लिए जब इन राज्यों के 14 में से आठ स्टेशनों पर दो दिनों में 2.5 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हो जाती है, तो मानसून का प्रवेश मान लिया जाता है।

क्या होती है प्री और पोस्ट मानसून

देश में प्री-मानसून (Pre-Monsoon) मार्च से मई तक रहता है। इस दौरान जब बारिश (Rain) होती है तो इसे प्री-मानसून (Pre-Monsoon)माना जाता है। वहीं जब सितंबर के बाद बारिश होती है तो उसे पोस्ट मानसून कहते हैं।

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भारत में मानसून कब तक सक्रिय रहता है?

भारत में ग्रीष्मकालीन मानसून (Monsoon) 1 जून से 15 सितंबर तक सक्रिय रहता है। इसके बाद शीतकालीन मानसून सक्रिय हो जाता है। पूरे दक्षिण एशिया की बात करें तो मानसून 1 जून से 1 सितंबर तक सक्रिय रहता है।

मानसून के आगमन के साथ वर्षा कैसे होती है?

भारत में, जब मानसूनी हवाएँ दक्षिण-पश्चिमी तट पर पश्चिमी घाटों से टकराती हैं, तो देश में वर्षा होती है। हालांकि कई बार मानसून (Monsoon) निर्धारित तिथि पर नहीं पहुंच पाता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। हर साल चक्रवाती तूफान बिपायजॉय की वजह से मानसून प्रभावित हुआ है और नियत तारीख से देर से भारत पहुंचा है।

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