चंडीगढ़ः पंजाब सरकार इस महीने तीसरे प्रहरी सीरो-निगरानी सर्वेक्षण की शुरुआत करेगी, जो विशेष रूप से आसन्न तीसरी लहर से पहले 6-17 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों पर केंद्रित है। इसके लिए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को आपातकालीन कोविड प्रतिक्रिया के लिए पहले से आवंटित धन के अलावा 331 करोड़ रुपये आवंटन की घोषणा की। इसके साथ, पंजाब अंडर-18 में संक्रमण की व्यापकता का आकलन करने के लिए बच्चों पर केंद्रित सिरो सर्वेक्षण कराने वाला देश का एकमात्र राज्य बन जाएगा।
मुख्यमंत्री ने राज्य के प्रत्येक जिले में एक बाल रोग इकाई और बाल रोग में एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का भी आदेश दिया। उन्होंने कहा कि सरकार मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन की 247 उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हर जिले में एलएमओ भंडारण टैंक भी स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले, उपमंडल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम भी स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने 17 अतिरिक्त आरटी-पीसीआर प्रयोगशालाओं की स्थापना की भी घोषणा की।
अमरिंदर सिंह ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में आईसीयू बेड को भी बढ़ाकर 142 किया जाएगा और टेलीमेडिसिन और टेलीकंसल्टेशन के लिए हब एंड स्कोप मॉडल भी स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरे प्रहरी सीरो-निगरानी सर्वेक्षण के परिणामों का उपयोग आगे स्थानीय प्रतिबंधों को निर्धारित करने के लिए किया जाएगा, क्योंकि राज्य तीसरी लहर से मुकाबले के लिए तैयार हो रहा है। उन्होंने खुलासा किया कि स्थानीय प्रतिबंधों के लिए ऑटो ट्रिगर तंत्र के साथ जीआईएस आधारित निगरानी और रोकथाम उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।
यह भी पढ़ेंः-जासूसी मामला: पूछताछ और तकनीकी जांच के आधार पर हुआ ये बड़ा खुलासा, जांच जारीस्वास्थ्य सलाहकार डॉ. के.के. तलवार ने मुख्यमंत्री के एक सवाल के जवाब में खुलासा किया कि पहली और दूसरी लहर में, संक्रमित लोगों में से 10 प्रतिशत 18 वर्ष से कम उम्र के थे। उस समय कोई ठोस डेटा नहीं था, राज्य इसे संभालने की तैयारी में था। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर में बच्चों के अधिक मामले आ सकते हैं। स्वास्थ्य सचिव हुसन लाल ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि आईसीएमआर सिस्टम के बाहर सैंपल कलेक्शन और रिपोर्टिग सिस्टम से जुड़े आवश्यक मापदंडों को कैप्चर करने के लिए कोवा में संशोधन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। एक सप्ताह में इसके चालू होने की संभावना है।