नई दिल्ली: उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश के साथ-साथ बिजली भी कहर बनकर टूट रही है, जिसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान शामिल हैं। खबरों के मुताबिक, इन राज्यों में अकाशीय बिजली गिरने से 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोग घायल हो गए हैं।
इसलिए जरूरी है कि लोग बारिश के मौसम में खुद से सावधानी बरतें और बारिश और वज्रपात के समय घर से बाहर नहीं निकलें या बाहर हैं तो न रहें। तो आइए हम आपको बताते है कि बिजली गिरने की स्थिति में क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
1.बिजली गिरने के तुरंत बाद घर से बाहर न निकलें। मौसम विभाग के जानकार बताते हैं कि जब तूफान गुजर जाता है, उसके 30 मिनट बाद तक बिजली गिरने से ही अधिकांश मौतें होती हैं।
2.अगर आपके आसपास कहीं बादल गरज रहे हों और आपके रोंगटे खड़े हो रहे हैं तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि वहां बिजली गिर सकती है।
3.ऐसी स्थिति में यह जरूरी है कि आप नीचे दुबक कर पैरों के बल बैठ जाएं, अपने हाथ घुटने पर और सिर को दोनों घुटनों के बीच रख लें। इससे आपका संपर्क जमीन से कम से कम होगा। ऐसे में आपको खतरा भी कम होगा।
#Lightning | Steps you should take during lightning and thunderstorm pic.twitter.com/SDDNPQtEQF
— NDMA India | राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण 🇮🇳 (@ndmaindia) March 13, 2021
क्या न करें।
आकाशीय बिजली से बचने के लिए किसी भी वृक्ष के नीचे और बहुत ऊंची इमारत के आस-पास न खड़े हो।
अगर बिजली कड़क रही है, तो छतरी या मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें।
आकाश में बिजली कड़क रही है, तो कभी भी हाथ में धातु से बनी चीजों को न पकड़ें।
आकाशीय बिजली कड़कने के समय बिजली या टेलीफोन के खंभों आदि से दूर रहें।
#Lightning | क्या आप जानते हैं बिजली से कैसे बचा जा सकता है?
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— NDMA India | राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण 🇮🇳 (@ndmaindia) March 12, 2021
क्या करें।
आकाशीय बिजली से बचने के लिए घरों में तड़ित चालक लगवाएं।
घर में इलेक्ट्रिसिटी से चलने वाले सभी उपकरण बंद कर दें।
बाइक अथवा कार से यात्रा कर रहे हैं, तो तुरंत किसी सुरक्षित जगह पर चले जाएं।
यदि आप जंगल में फंसे हुए हैं, तो घने पेड़ों की छाया में चले जाएं।
जब आकाश में बिजली चमक रही है, तो घर में नंगे पैर फर्श पर न घूमें।
#Lightning | आकाशिय बिजली गिरने के दौरान सुरक्षित रहें। 👇 pic.twitter.com/MA3URW7sK7
— NDMA India | राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण 🇮🇳 (@ndmaindia) July 12, 2021