दुनिया की इन कोरोना वैक्सीन ने पूरे किए सारे ट्रायल, जानिए कब मिलेंगी आपको

 

लखनऊ: लंबे समय से पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही है। दुनिया के कई देशों के वैज्ञानिक इसकी वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं ,लेकिन अभी तक इससे बचने के लिए कोई सटीक दवा या वैक्सीन नहीं बन पाई पाई है। हाल ही में दवा बनाने वाली दो कंपनियों ने दावा किया है कि वो बहुत जल्द अपनी कोविड-19 वैक्सीन को बाजार में लाने वाले हैं, ताकि आपातकालीन स्थिति में उनका उपयोग कोरोना के मरीज कर सकें।

जानकारी के मुताबिक, दुनिया भर में कोरोना वायरस कोविड-19 की वैक्सीन के लिए वैज्ञानिकों की करीब 100 टीम काम कर रही हैं। ये टीमें करीब 50 ऐसी वैक्सीन पर काम कर रही हैं जो अलग-अलग स्तर पर पहुंच चुकी हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 10 ऐसी हैं जो अपने लक्ष्य के करीब हैं। यानी फेज-3 ट्रायल या फिर यूं कहें कि ह्यूमन ट्रायल यानी इंसानों पर परीक्षण कहते हैं। आइए जानते हैं इन 10 वैक्सीन के बारे में कि ये कहां बन रही हैं? कौन बना रहा है और ये क्या करेंगी?

मॉडर्ना mRNA-1273 (Moderna mRNA-1273)-

यह वैक्सीन भी mRNA इलाज पद्धत्ति पर आधारित है। इस वैक्सीन को दवा कंपनी मॉडर्ना बना रही है। इसका फेज-3 का ट्रायल कैसर पर्मानेंटे वॉशिंगटन हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट में हुआ है। मॉडर्ना का दावा है कि उसकी वैक्सीन कोरोना वायरस पर 94.5 फीसदी प्रभावी है। अगर अनुमति मिलती है तो ये कंपनी अपनी वैक्सीन साल के अंत तक अमेरिका समेत दुनिया के कई बाजारों में उतार देगी।

फाइजर बीएनटी162 (Pfizer-BNT162)-

ये वैक्सीन कैंडिडेट mRNA आधारित वैक्सीन है। इसे दवा कंपनी फाइजर और बायोएनटेक मिलकर बना रही हैं। इसका फेज-3 का ट्रायल यूरोप और उत्तरी अमेरिका के विभिन्न शहरों में हो चुका है। कंपनी ने दावा किया है कि वह क्रिसमस से पहले अपनी वैक्सीन ब्रिटेन के बाजार में उतार देगी। इसकी वैक्सीन कोरोना वायरस पर 90 फीसदी सफल है।

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Ad5-nCoV (CanSino Biologics)-

इस वैक्सीन को चीन ने विकसित किया। जहां से कोरोना वायरस फैला उसी शहर यानी वुहान में इस वैक्सीन का फेज-3 ट्रायल पूरा किया जा चुका है। यह वैक्सीन रीकॉम्बीनेंट हैं यानी एडिनोवायरस टाइप-5 वेक्टर आधारित इलाज पद्धत्ति पर काम करता है। इस दवा के फेज-3 के ट्रायल में पाकिस्तान, सऊदी अरब और मेक्सिको के 40 हजार लोगों ने भाग लिया है। चीन की मिलिट्री ने इस वैक्सीन को एक साल तक उपयोग के लिए अनुमति दे दी है।

AZD1222 (Oxford University/AstraZeneca/SII)-

दुनिया को सबसे ज्यादा उम्मीद देने वाली वैक्सीन यही है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया इसे मिलकर बना रही हैं। इसका भी फेज-3 का ट्रायल पूरा हो चुका है। ट्रायल ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और द जेनर इंस्टीट्यूट में पूरा किया गया। इंसानी परीक्षण के लिए अमेरिका और भारत को चुना गया था।अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत, कनाडा समेत कई देशों में अब इस वैक्सीन को बाजार में लाने की अनुमति का इंतजार हो रहा है।

CoronaVac (Sinovac)-

चीन की दवा कंपनी साइनोवैक फार्मास्यूटिकल ने ये वैक्सीन बनाई है। यह इनएक्टीवेटेड वैक्सीन (फॉर्मेलीन और एलम एडजुवेंट) आधारित इलाज पद्धत्ति पर बनाई गई है। इसके फेज-3 का ट्रायल साइनोवैक रिसर्च एंड डेवलपमेंट को.।लिमिटेड करवा रहा है। कंपनी का दावा है कि उनकी वैक्सीन सेफ है। ब्राजील में एक मरीज की मौत के बाद ट्रायल रोक दिया गया था, लेकिन अब ये फिर से शुरू हो चुका है।

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Covaxin (Bharat Biotech/National Institute of Virology)-

भारतीय दवा कंपनी भारत बायोटेक इस वैक्सीन को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के साथ मिलकर बना रही है।इसका भी फेज-3 ट्रायल चल रहा है। ICMR के महानिदेशक 27 अक्टूबर को कोवैक्सीन के फेज-3 ट्रायल की अनुमति दी थी। उम्मीद जताई जा रही है कि इस वैक्सीन को अगले साल फरवरी में बाजार में लाया जाएगा।

JNJ-78436735 (Johnson & Johnson)-

यह वैक्सीन नॉन-रेप्लिकेटिंग वायरल वेक्टर इलाज पद्धति पर आधारित है। इसे जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी ने बनाया है।वैक्सीन अपनी तीसरे फेज के ट्रायल के अंतिम चरण में है। इसे ऑपरेशन वार्प स्पीड के तहत बनाया जा रहा है। अमेरिका और ब्राजील में इस वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है।

स्पुतनिक-पांच (Russia)-

स्पुतनिक-पांच (Sputnik-V) को रूस की गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट और आसेललेना कॉन्ट्रैक्ट ड्रग रिसर्च एंड डेवलपमेंट ने मिलकर बनाया है। रूस की सरकार और दवा कंपनी का दावा है कि यह वैक्सीन सफल है। ऐसा कहा जा रहा है कि रूस में लोगों को ये वैक्सीन दी भी जा रही है। यहां तक राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके परिवार ने भी इस वैक्सीन की डोज ली थी। रूस की सरकार ने इस स्पुतनिक-पांच को दुनिया की पहली कोविड-19 वैक्सीन बताया था।

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साइनोफार्म, WIBP-

चीन की दवा कंपनी चाइना नेशनल फार्मास्यूटिकल ग्रुप (Sinopharm) और वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स की वैक्सीन का भी फेज-3 ट्रायल चल रहा है। अभी तक इस वैक्सीन का नाम नहीं सामने लाया गया है। इसका ट्रायल हेनान प्रोविंशियल सेंटर फॉर डिजीस कंट्रोल एंड प्रिवेंशन में किया जा रहा है। इसके अलावा इसका ट्रायल यूएई, मोरक्को और पेरू में चल रहा है।

NVX-CoV2373 (Novavax)-

कोरोना को हराने के लिए यह दुनिया की पहली नैनोपार्टिकल आधारित वैक्सीन है। इसे नोवावैक्स नाम की दवा कंपनी बना रही हैं। नोवावैक्स को अमेरिका के फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन से फास्ट ट्रैक डेसिगनेशन के तहत काम पूरा करने की अनुमति मिली है। इसके फेज-3 का ट्रायल फिलहाल ब्रिटेन में चल रहा है। अमेरिका में इसका ट्रायल नवंबर महीने के अंत में शुरू होगा। माना जा रहा है कि ये भी एक प्रभावी कोविड-19 वैक्सीन बनकर सामने आएगी।