नई दिल्लीः नौतपा की शुरूआत होने वाली है। इस दौरान गर्मी अपना प्रचंड रूप दिखाती है। इस साल नौतपा की शुरूआत 25 मई से हो रही है और इसका समापन आठ जून को होगा। नौतपा में सूर्य की सीधी किरणें पृथ्वी पर पड़ती हैं। जिस कारण गर्मी का पारा दिनों-दिन बढ़ता जाता है। हालांकि इस बार पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के चलते नौतपा के दौरान आंधी और बारिश की भी संभावना है। जिससे नौतपा में प्रचंड गर्मी के पड़ने के बीच लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है। कहा जाता है कि नौतपा के दौरान गर्मी से जितनी ज्यादा धरती तपती है। मानसून के दौरान बारिश उतनी ही ज्यादा अच्छी होती है।
ज्येष्ठ माह में शुरू होता है नौतपा
जब भगवान सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तो उस अवधि को नौतपा कहा जाता है। सूर्यदेव इस नक्षत्र में 15 दिनों के लिए प्रवेश करते है। जिससे शुरूआत के नौ दिन भीषण गर्मी पड़ती है। इस साल भगवान सूर्य रोहिणी में 25 मई को प्रवेश कर रहे हैं। इस दौरान लोगों को अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए। शास्त्रों के मुताबिक रोहिणी नक्षत्र के स्वामी चंद्र हैं जोकि शीतलता के कारक माने जाते हैं। ऐसे में रोहिणी नक्षत्र में सूर्य के प्रवेश के चलते वातावरण पर भी प्रभाव पड़ता है। सूर्य के रोहणी नक्षत्र में प्रवेश करने पर पृथ्वी को शीतलता नहीं मिलती है। जिससे तापमान में बढ़ोतरी होती है और प्रचंड गर्मी भी पड़ती है। श्रीमदभगवत गीता में भी नौतपा के नौ दिनों का जिक्र मिलता है।
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नौतपा में इन बातों का रखें ध्यान
- नौपता के दौरान सूरज के तेज किरणे धरती पर पड़ती हैं। जिसके चलते गर्मी भी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। इसलिए नौतपा के दौरान यात्रा से परहेज करना चाहिए। वरना स्वास्थ्य को काफी नुकसान हो सकता है।
- नौतपा में भीषण गर्मी के साथ ही आंधी आने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसलिए इस दौरान मांगलिक कार्यो को भी नहीं करना चाहिए।
- नौतपा के दौरान अधिक मसालेदार और तली-भूनी चीजों का भी सेवन नहीं करना चाहिए।
- नौपता के भीषण गर्मी पड़ती है। इसलिए स्वास्थ्य हितों को ध्यान में रखते हुए इस दौरान मांस-मदिरा के सेवन से भी बचना चाहिए।
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