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बिकरू में निर्विरोध प्रधान बनने की परंपरा हुई खत्म, मधु ने जीत हासिल कर रचा इतिहास

madhu

कानपुरः चर्चित बिकरु कांड को शायद ही वर्तमान पीढ़ी कभी भूल पाएगी। यहां पर सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की शहादत और कुख्यात विकास दुबे का खत्म होने पर 25 साल बाद लोकतंत्र का सूरज उगा है। उम्मीदवार मधु अपनी प्रतिद्वंदी बिन्दु को 54 मतों से हराकर प्रधान बनीं हैं। इसी के साथ ही इस गांव में निर्विरोध प्रधान बनने की परंपरा खत्म हो गई।

चौबेपुर थाना क्षेत्र और शिवराजपुर खण्ड विकास कार्यालय के अन्तर्गत बिकरु गांव में पिछले वर्ष दो जुलाई की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर कुख्यात विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ जानलेवा हमला कर दिया था। हमले में सीओ देवेन्द्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गये थे। हालांकि बाद में पुलिसिया कार्रवाई में विकास दुबे समते अलग-अलग जगहों पर छह अपराधी भी मारे गये। इस घटना के बाद ग्राम पंचायत चुनाव पर सबकी निगाहें टिकी रहीं। रविवार को हुई मतगणना में ग्राम प्रधान की उम्मीदवार मधु को 381 और उनकी प्रतिद्वंदी बिन्दु कुमार को 327 वोट मिले। इस तरह मधु ने अपनी प्रतिद्वंदी को 54 मतों से हरा दिया। मधु के प्रधान बनते ही 25 साल बाद यहां पर लोकतंत्र का सूरज उग गया और निर्विरोध प्रधान चुने जाने की परंपरा खत्म हो गई।

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कुख्यात अपराधी विकास दुबे बिकरु से पहली बार 1995 में दबंगई के चलते प्रधान बना। इसके बाद उसकी धमक ऐसी रही कि अपने मन मुताबिक लगातार निर्विरोध प्रधान बनवाता रहा और किसी की हिम्मत नहीं थी कि उसका कोई विरोध कर सके। विकास दुबे के खात्मे के बाद हुए पंचायत चुनाव में 10 उम्मीदवारों ने ग्राम प्रधान पद के लिए किस्मत आजमाई और मधु ने जीत दर्ज करते हुए इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा लिया।