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बच्चों की चहल-पहल से स्कूल हुआ गुलजार, कोरोना प्रोटोकाॅल का हो रहा पालन

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जयपुरः राजस्थान में कोरोना संक्रमण का असर कम होने के साथ ही सोमवार से कक्षा छठीं से 12वीं तक के स्कूल फिर खुल गये। सरकार के आदेश के बाद सोमवार से कक्षा छह से आठ तक के स्टूडेंट्स को भी ऑड-इवेन फॉर्मूले पर प्रवेश दिया गया। इस दौरान स्टूडेंट्स को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ क्लास में बिठाया गया। इससे पहले स्टूडेंट्स का टेम्प्रेचर चेक कर उन्हें स्कूल में प्रवेश दिया गया। टीचर ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। 27 सितम्बर से पांचवी तक के स्कूल भी एसओपी की पालन के साथ खोल दिए जाएंगे। कक्षा 6 से 8 तक के स्कूल खोलने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर बच्चों की सुरक्षा के लिए जारी की गई एसओपी की पूर्णतया पालन करने की अपील की है।
सीएम गहलोत ने सोमवार को ट्वीट कर लिखा कि अमेरिका एवं ब्रिटेन में स्कूल खुलने के बाद बच्चों में कोरोना के मामले बढ़े हैं। प्रदेश में शैक्षणिक संस्थानों को खोलने के लिए एसओपी जारी की गई है। सभी शैक्षणिक संस्थान मालिकों एवं बच्चों के पैरेंट्स से निवेदन है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा जारी की गई एसओपी की सख्ती से पालन करें। पहले दिन जयपुर के चुनिंदा स्कूलों ने ही छठी से आठवीं तक के बच्चों की ऑफलाइन पढ़ाई फिर से शुरू करवाई है। राज्य में 16 अप्रैल से बन्द हुए क्लास 6 से 8 तक के स्कूल एक बार फिर खुल गए हैं। तब भी स्कूल कुछ दिन ही संचालित हो सके थे। पहले दिन स्कूल्स में स्टूडेंट्स की उपस्थिति कम रही, लेकिन पढाई पहले दिन से ही पटरी पर आती नजर आई।

शिक्षा विभाग के आदेश पर सोमवार से सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूल शुरू हुए हैं। करीब 44 लाख स्टूडेंट्स को स्कूल जाने का फिर से अवसर मिला है, हालांकि पहले दिन उपस्थिति कम ही रही। राज्य के सरकारी स्कूल्स में इसी महीने के पहले सप्ताह में फर्स्ट टेस्ट ले लिया गया था, लेकिन प्राइवेट स्कूल्स को 30 सितंबर तक की छूट दी गई। ऐसे में अधिकांश प्राइवेट स्कूल्स के स्टूडेंट्स को ऑफलाइन एग्जाम ही देना होगा। हालांकि एग्जाम शिक्षा विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक ऑब्जेक्टिव ही होंगे। राज्य में क्लास 1 से 12 तक के स्टूडेंट्स प्रमोट ही हो रहे हैं। क्लास 1 से 9 तक के स्टूडेंट्स ने एग्जाम नहीं दिया। इस बार ऐसा नहीं होगा। ऐसे में इस बार स्कूल्स तक आना ही होगा। शिक्षा विभाग ने इस बार अपनी मंशा जता दी है कि कोई भी क्लास हो, बच्चों को परीक्षा देकर ही पास किया जायेगा। राज्य में कोरोना की तीसरी लहर का अभी कोई असर नहीं है। राज्य में हर रोज औसतन 10 से 12 रोगी ही सामने आ रहे हैं। सितम्बर में ही तीसरी लहर की आशंका थी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। खासकर बच्चों को कोरोना के असर को नहीं देखते हुए शिक्षा विभाग ने ये निर्णय किया है। स्टूडेंट्स को स्कूल में हर वक्त मास्क लगाकर रखना होगा। अगर कोई स्टूडेंट मास्क नहीं लाया है तो स्कूल प्रबंधन को उपलब्ध कराना होगा।

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इसी तरह अगर स्कूल में किसी स्टूडेंट की तबीयत बिगड़ती है तो स्कूल प्रशासन को ही उसे अस्पताल ले जाना होगा। लंबे समय बाद खुले स्कूलों में फिलहाल पचास प्रतिशत स्टूडेंट्स को ही हर दिन क्लास में बुलाया जाएगा। हर दिन अलग बैच के बच्चों को पढ़ाया जाएगा। फिलहाल छात्रों का स्कूल आना अनिवार्य नहीं किया गया है। ऐसे में स्टूडेंट्स घर बैठकर भी ऑनलाइन शिक्षा ले सकेंगे। वहीं जो छात्र स्कूल आ रहे हैं, वह बिना यूनिफार्म भी आ सकेंगे। स्कूलों में फिलहाल कोरोना के मद्देनजर कैंटीन और कैफेटेरिया को बंद रखा गया है। इस दौरान जयपुर के स्कूलों में छात्रों से ही पानी की बोतल और भोजन लाने की अपील की गई है। ताकि, बेवजह स्टूडेंट्स क्लास रूम से बाहर न निकले। स्कूल स्टाफ द्वारा इसके लिए बाकायदा स्टूडेंट्स के लंच टाइम को भी अलग-अलग कर दिया है। इसमें क्लास टीचर भी बच्चों के साथ क्लास रूम में बैठकर ही लंच करेंगे।

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