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छोटी-छोटी गलतियों से हो सकती है बहरेपन की समस्या

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नई दिल्लीः कान में होने वाली बीमारियों में बहुत सी ऐसी बीमारियां हैं जिनको सही समय पर पहचान कर बेहतर इलाज किया जा सकता है। बहरापन कई छोटी-मोटी गलतियों के कारण भी हो सकता है। रोज कान साफ करने की आवश्यकता नहीं होती है। कान में जमा होने वाला वैक्स जो प्राकृतिक पदार्थ है वह कान की सुरक्षा करते हंै। कुछ मामलों में देखा गया है कि गर्भ में पल रहे बच्चे को भी बहरेपन की शिकायत हो जाती है। उनका भी सही समय पर इलाज संभव है। बुजुर्गों में बहरेपन की शिकायत अधिक देखने को मिलती है। यह उम्र के उस पड़ाव पर बढ़ जाती है जब व्यक्ति की नसों में कमजोरी आ जाती है, परंतु प्रशिक्षित चिकित्सक द्वारा इलाज से उसे काफी हद तक कम किया जा सकता है। इन कारणों से बहरेपन की समस्या हो सकती है।

तंबाकू का अधिक सेवन
तंबाकू उत्पादों का सेवन करने वाले लोगों में शरीर के अन्य समस्याओं के साथ ही बहरेपन या कम सुनाई देने की बीमारी के होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इसलिए यह जरूरी है कि तंबाकू उत्पादों के सेवन से बचा जाए।

ईयरबड्स का बहुत ज्यादा इस्तेमाल
ईयरबड्स के बहुत ज्यादा इस्तेमाल भी बहरेपन का कारक बन सकता है। कई लोगों की आदत होती है वह ईयरबड्स से कानों को ज्यादा साफ करते हैं। लेकिन हर वक्त कानों में जमा वैक्स को ईयरबड्स से निकालना ठीक बात नहीं है। कभी-कभी ही कानों को साफ करना चाहिए। कानों में जमा वैक्स बाहरी चीजों को शरीर में प्रवेश करने से रोकता है। ईयरबड्स के अधिक उपयोग से भी आप बहरेपन के शिकार हो सकते हैं।

ज्यादा तनाव व व्यायाम न करना
तनाव शरीर के लिए के लिए घातक साबित होता है। यह कई तरह से शरीर को प्रभावित करता है। समय के साथ तनाव का बढ़ना सुनने की क्षमता पर भी असर डालता है। ऐसे में तनावमुक्त रहने का प्रयास करें और व्यायाम अवश्य ही करें। व्यायाम करने से कान में भी ब्लड का सर्कुलेशन सही तरह से होता है और सुनने की क्षमता दुरूस्त बनी रहेगी।

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बेहद तेज म्यूजिक सुनने की आदत
कई लोगों को बेहद तेज म्यूजिक सुनने की आदत होती है। लेकिन उन्हें यह पता होना चाहिए कि कान भी एक लेवल तक ही सुन सकते हैं। इससे अधिक लेवल पर म्यूजिक सुनने से कानों से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए कभी-कभार सुनने में कोई हर्ज नहीं लेकिन अक्सर ही तेज म्यूजिक सुनने से बचें।

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