वाराणसी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीते साढ़े पांच साल में उत्तर प्रदेश ने इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को प्राप्त किया है। प्रधानमंत्री के विजन, नेतृत्व और मार्गदर्शन में न सिर्फ वाराणसी बल्कि उत्तर प्रदेश और पूरा देश नई ऊंचाइयां प्राप्त कर रहा है। मुख्यमंत्री शुक्रवार को ‘प्रधानमंत्री गति शक्ति मल्टीमॉडल जलमार्ग शिखर सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे।
बड़ालालपुर स्थित पंडित दीन दयाल हस्तकला संकुल सभागार में भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अधीन भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) की ओर से आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश 13 एक्सप्रेस हाईवे वाला राज्य बनने की दिशा में तेज गति से आगे बढ़ रहा है। इसके साथ ही इन्टरस्टेट कनेक्टिविटी के अंतर्गत नेपाल बॉर्डर सहित बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों को फोर लेन की कनेक्टिविटी से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का सौभाग्य है कि ईस्ट और वेस्ट डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर यूपी से होकर गुजरता है। हम इस क्षेत्र को लॉजिस्टिक के हब के रूप में विकास कर रहे हैं। इसके अलावा एयर कनेक्टिविटी में भी यूपी ने नयी ऊंचाइयों को प्राप्त किया है।
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मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पाद दुनियाभर में एक्सपोर्ट किये जा रहे हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ ही आज बलिया, देवरिया, कुशीनगर, जौनपुर, चंदौली आदि कृषि प्रधान जिलों से खाद्यान का बड़े पैमाने पर एक्सपोर्ट हो रहा है। इससे किसानों की आमदनी तो बढ़ी ही है, साथ ही उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है। यही नहीं करोना काल में जब बहुत से सेक्टर्स में कार्य बाधित हो गये, उस वक्त भी उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र में मजबूती देखने को मिली। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में उत्तर प्रदेश में एक भी उद्योग को बंद नहीं होने दिया गया। सावधानी के साथ व्यवस्थाएं करायी गयीं। उद्योगों में कोविड हेल्पडेस्क से लेकर ऑक्सीजन तक की व्यवस्था करायी गयी। कोविड प्रबंधन की ये प्रेरणा हमें प्रधानमंत्री के ‘जीवन और जीविका बचाने’ के मूलमंत्र से मिली।
जल्द खत्म कर देंगे यूपी से बाढ़ की समस्या –
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी में इनलैंड वाटर वेज़ में अपार संभावनाएं हैं। उत्तर प्रदेश नदियों का राज्य है। हमारे यहां की नदियां हिमालयी होने के कारण इनमें बड़े पैमाने पर सिल्ट भी जमा हो जाती है। इसकी वजह से पहले प्रदेश के 38 से 40 जिलों में बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो जाती थी। हमने नदियों की ड्रेजिंग कराने का कार्य युद्धस्तर पर किया है, जिसके बाद अब केवल तीन से चार जिले ऐसे बचे हैं, जहां बाढ़ की समस्या उत्पन्न होती है। इस समस्या को भी हम जल्द से जल्द समाप्त कर देंगे।
सम्मेलन में इनकी रही खास उपस्थिति –
सम्मेलन में केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल,बांग्लादेश के मंत्री खालिद मोहम्मद चौधरी भी शामिल हुए। सम्मेलन में केंद्र और प्रदेश सरकार के साथ ही उद्योग जगत से जुड़े लोगों के बीच पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान साझा किया जाना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम गतिशक्ति मल्टी मॉडल इनलैंड वाटर वेज सम्मेलन 2022 के आयोजन के लिए भारत सरकार के पोत परिवहन मंत्रालय को धन्यवाद दिया।
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