लखनऊः राजधानी में नई तकनीकी के इस्तेमाल से दुर्घटनाएं रोकी जाएंगी। सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए शहर में टैक्सचर सरफेसिंग तकनीक अपनाई जा रही है। दुर्घटना बाहुल्य चौराहों पर टैक्सचर सरफेसिंग तकनीक अपनाकर हादसे रोके जाएंगे।
लोक निर्माण विभाग ने शहर के 23 ब्लैक स्पाॅट वाले 12 चैराहों को चुना है। इन चैराहों पर बनाए जा रहे रैम्प से वाहनों की अनियंत्रित रफ्तार को कम किया जा सकेगा। दिल्ली के बाद उत्तर प्रदेश दूसरा राज्य होगा, जहां यह विधा अपनाई जा रही है। लखनऊ के आधा दर्जन से अधिक चैराहों पर इस विधा से कट स्टोन बिछाने और स्पीड टेबल का काम शुरू है। पीडब्ल्यूडी ने जिन चैराहों को ब्लैक स्पॉट घोषित किया है। उन मार्गों पर वाहनों की रफ्तार कम करने के लिए कट स्टोन बनाए जा रहे हैं। दिल्ली के कई जंक्शन पर टैक्सचर सरफेसिंग कराया गया है।
यह भी पढ़ें-बहन को न्याय दिलाने के लिए भाई ने रची थी साजिश, गोलीकांड का राजफाश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क सुरक्षा अभियान के तहत दुर्घटना बाहुल्य चैराहों को चिन्हित कर उनका आडिट कराने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद आईआईटी दिल्ली और आईआईटी बीएचयू ने सड़क सुरक्षा आॅडिट किया था। आॅडिट रिपोर्ट के आधार पर लोनिवि ने टैक्सचर सरफेसिंग का काम शुरू कर दिया है। इस तकनीक में सड़क की पूरी चैड़ाई और छह मीटर लंबे हिस्से में पत्थरों के टुकड़ों को सीमेंट के साथ लगाया जा रहा है। सीमेंट कंक्रीट मसाले से दोनों ओर रैम्प भी बनाया जा रहा है। 10-20 मीटर दूर बिटुमिनस कार्य से रोड की चैड़ाई 05 मीटर लम्बाई में 10 सेमी. ऊंचा स्पीड टेबल बनाया जा रहा है। दोनों तरफ 1.70 मीटर लम्बाई में रैम्प से जोड़ा रहा है। दो तरह के निर्माण के बाद जंक्शन पर गति नियंत्रित कर ब्लैक स्पॉट वाली जगहों पर हादसों से बचा जा सकेगा।
सुधारे जा रहे ये चैराहे
बंगला बाजार चैराहा, पकरी पुल, इको गार्डेन चैराहा, कनौसी चैराहा, आईआईएम चैराहा, भैसाकुंड, सरपोटगंज चैराहा, विजय नगर चैराहा, चन्द्रिका देवी चैराहा समेत अन्य चैराहों पर ब्लैक स्पॉट में सुधार कार्य किया जाएगा।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)