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दूरसंचार कंपनियों को 5जी ट्रायल की अनुमति, चीनी कंपनियां रखी गईं बाहर

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नई दिल्लीः दूरसंचार विभाग ने मंगलवार को टेलीकॉम सेवाएं देने वाली कंपनियों को 5जी सेवाओं के ट्रायल शुरू करने की अनुमति दे दी है। खास बात यह है कि इसमें चीनी कंपनियों हुवावे और जेडटीआर जैसी कंपनियों का नाम नहीं है।

ट्रायल के लिए छह माह का समय दिया गया है जिसमें दो महीने खरीद और सेटअप के लिए दिए गए हैं। प्रत्येक टेलीकॉम सेवा प्रदाता को शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण और अर्ध-शहरी सेटिंग्स में परीक्षण करने के लिए कहा है ताकि देश भर में 5 जी प्रौद्योगिकी का लाभ मिल सके।

दूरसंचार विभाग ने एक बयान में कहा, “आवेदक दूरसंचार सेवा प्रदात में भारती एयरटेल, रिलायंस जियो इन्फोकॉम, वोडाफोन आइडिया और एमटीएनएल शामिल हैं। इन्होंने उपकरण निर्माताओं और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के साथ समझौता किया है। जिसमें एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग और सी-डॉट शामिल हैं। इसके अलावा, रिलायंस जियो इन्फोकॉम भी अपनी स्वदेशी तकनीक का उपयोग करते हुए परीक्षण करेगी। ”

प्रयोगों में मिड-बैंड (3.2 गीगाहर्ट्ज से 3.67 गीगाहर्ट्ज़), मिलीमीटर वेव बैंड (24.25 गीगाहर्ट्ज़ से 28.5 गीगाहर्ट्ज़) और उप-गीगाहर्ट्ज़ बैंड (700 गीगाहर्ट्ज़) सहित विभिन्न बैंड शामिल होंगे।साथ ही सेवा प्रदाताओं को 5जी परीक्षणों के लिए अपने स्वामित्व वाले स्पेक्ट्रम (800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1,800 मेगाहर्ट्ज और 2,500 मेगाहर्ट्ज) का उपयोग करने की अनुमति होगी।