Happy Teachers Day 2024 : भारत में प्राचीन काल से ही गुरुकुल की परंपरा चली आ रही है। हमारे देश में गुरु को सबसे बड़ा दर्जा दिया गया है। किसी व्यक्ति को सफल बनाने और सही दिशा दिखाने में शिक्षक (टीचर) की अहम भूमिका होती है। गुरु को माता-पिता से भी ऊपर रखा जाता है।
शिक्षकों की निस्वार्थ भावना और उनके द्वारा सिखाई गई हर अच्छी सीख के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर इसके लिए 5 सितंबर को ही क्यों चुना गया ? आइए जानते शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत कैसे हुई और क्या है इसका इतिहास-
5 सितंबर को ही Teachers Day क्यों मनाया जाता है ?
बता दें कि भारत में शिक्षक दिवस की नींव 62 साल पहले 5 सितंबर 1962 को रखी गई थी। यह दिन शिक्षकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए समर्पित है। इस दिन भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। डॉ. राधाकृष्णन स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति होने के अलावा एक महान शिक्षक भी थे।
दरअसल डॉ. राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तिरुत्तनी में हुआ था। वे मैसूर विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर थे और शिक्षा के क्षेत्र में उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियां थीं। अपने छात्रों के प्रति उनकी गहरी संवेदनशीलता और स्नेह ने उन्हें एक आदर्श शिक्षक बनाया। डॉ. राधाकृष्णन का मानना था कि शिक्षा केवल ज्ञान प्राप्त करने का साधन नहीं है, बल्कि व्यक्तित्व विकास का एक महत्वपूर्ण पहलू भी है।
ये भी पढ़ेंः– Ganesh Chaturthi 2024 : कब मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी ? जानें गणपति स्थापना का शुभ मुहूर्त
जब डॉ. राधाकृष्णन 1962 में राष्ट्रपति बने, तो उनके कुछ छात्रों ने उनका जन्मदिन विशेष रूप से मनाने का आग्रह किया। इस पर डॉ. राधाकृष्णन ने सुझाव दिया कि उनका जन्मदिन अलग से मनाने के बजाय इसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाना अधिक उचित होगा। यह प्रस्ताव उनकी महानता और शिक्षकों के प्रति उनके सम्मान की भावना को दर्शाता है। तब से हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस का उद्देश्य शिक्षकों के योगदान को पहचानना और उनकी कड़ी मेहनत, त्याग और निस्वार्थ सेवा का सम्मान करना है। शिक्षक न केवल ज्ञान के स्रोत हैं बल्कि बच्चों के चरित्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे छात्रों के लिए रोल मॉडल और प्रेरणा के स्रोत हैं। यह दिन शिक्षकों की भूमिका की सराहना करने और उनके प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर है।
Teachers Day 2024 की क्या है थीम ?
2024 में शिक्षक दिवस की थीम ‘सतत भविष्य के लिए शिक्षकों को सशक्त बनाना’ है। यह थीम शिक्षकों की बढ़ती भूमिका और जिम्मेदार नागरिकों के विकास में उनके योगदान पर प्रकाश डालता है। डॉ. राधाकृष्णन के विचार इस दिन को खास बनाते हैं, क्योंकि उन्होंने कहा था, “ईश्वर हम सभी के भीतर रहता है, महसूस करता है और कष्ट सहता है। ” सिकंदर महान का यह वाक्य, “मैं जीने के लिए अपने पिता का ऋणी हूं, पर अच्छे से जीने के लिए गुरु का।”