कोलकाताः प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति में धांधली के आरोपों की जांच पर राज्य सरकार की आपत्ति को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। मंगलवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने स्पष्ट कर दिया कि प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति में हुई धांधली के संबंध में लगाई गई याचिका पर सुनवाई होगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने मामले की जांच को गैरजरूरी बताते हुए सुनवाई नहीं करने की अपील की थी। राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि 2014 में हुई नियुक्ति से संबंधित याचिका को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि लंबा वक्त गुजर चुका है। इस पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि निश्चित तौर पर किसी भी नियुक्ति में धांधली संबंधी याचिका पर सुनवाई होगी। इसे किसी भी सूरत में नहीं रोका जाएगा। राज्य सरकार की यह मांग नाजायज है। कोर्ट ने यह भी कहा कि नियुक्ति में धांधली के जो आरोप हैं उससे संबंधित जवाब राज्य सरकार को हलफनामा के जरिए कोर्ट को देना होगा। आगामी 16 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई होनी है।
दरअसल भाजपा नेता तापस घोष ने एक जनहित याचिका लगाई है जिसमें उन्होंने दावा किया है कि 2014 में हुई प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति की मेरिट लिस्ट घोषित नहीं की गई थी। सीधे तौर पर उन लोगों को नोटिस भेजे गए जिन्हें शिक्षक के तौर पर नियुक्त किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके पीछे बड़ी धांधली है और घूस लेकर नियुक्तियां की गई हैं। इसकी जांच के लिए उन्होंने सीबीआई और ईडी को आदेश देने और मेरिट लिस्ट को उजागर करने की मांग की है।
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इस पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने राज्य सरकार को आगामी चार हफ्ते के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि मामले पर सुनवाई के बाद फैसला सुनाया जाएगा।
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